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चारधाम यात्री ध्यान दें : गंगोत्री- यमुनोत्री और केदारनाथ धाम के कपाट इस दिन हो जाएंगे बंद

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रुद्रप्रयाग. चारधाम यात्रा इस समय पूरे चरम पर चल रही है. जहां हर रोज एक नया रिकॉर्ड बन रहा है, वहीं अब चारधाम यात्रा में चारों धामों के कपाट बंद होने की तिथि की एक-एक कर घोषणा शुरू हो गई है. आगामी 14 नवंबर को विधि-विधान के साथ गंगोत्री धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे.

वहीं, 15 नवंबर को भैया दूज के दिन यमुनोत्री धाम और केदारनाथ धाम के कपाट आगामी 6 महीने के लिए बंद हो जाएंगे. भगवान केदारनाथ की पंचमुखी उत्सव मूर्ति शीतकालीन प्रवास श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ पहुंचेगी. विजय दशमी को ही द्वितीय केदार मद्महेश्वर के कपाट बंद होने की तिथि श्री ओंकारेश्वर मंदिर, उखीमठ में और तृतीय केदार तुंगनाथ के कपाट बंद होने की तिथि शीतकालीन गद्दी स्थल मार्कंडेय मंदिर मक्कूमठ में तय होगी. साथ ही श्री बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने की तिथि विजय दशमी मंगलवार 24 अक्टूबर को बदरीनाथ धाम में तय की जाएगी. कपाट बंद होने की तिथि घोषित करने के लिए श्री बदरीनाथ मंदिर परिसर में धार्मिक समारोह आयोजित किया जाएगा. कार्यक्रम के मुताबिक, श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) अध्यक्ष अजेंद्र अजय की मौजूदगी में रावल और धर्माधिकारी पंचांग गणना के बाद कपाट बंद होने के शुभ मुहूर्त की घोषणा की जाएगी. इस अवसर पर बीकेटीसी उपाध्यक्ष किशोर पंवार, मुख्य कार्याधिकारी योगेंद्र सिंह सहित अन्य अधिकारी और कर्मचारी मौजूद रहेंगे.

बीकेटीसी के मीडिया प्रभारी डॉ. हरीश गौड़ ने बताया कि बदरीनाथ धाम में कपाट बंद होने की तिथि तय करने के कार्यक्रम समारोह में यात्रा वर्ष 2024 के लिए मंदिर भंडार की जिम्मेदारी के तहत मंदिर समिति द्वारा हकहकूक धारियों को पगड़ी भेंट की जाएगी.

गंगोत्री धाम के कपाट आगामी 14 नवंबर को अन्नकूट के पावन पर्व और अभिजीत मुहूर्त पर सुबह 11 बजकर 45 मिनट पर बंद कर दिए जाएंगे. इस बार गंगोत्री और यमुनोत्री धाम की यात्रा में श्रद्धालुओं का नया रिकॉर्ड बनने जा रहा है. इस साल अभी तक दोनों धामों में श्रद्धालुओं की संख्या 15 लाख पार पहुंच गई है. गंगोत्री मंदिर समिति के सचिव सुरेश सेमवाल ने बताया कि 14 नवंबर को गंगोत्री धाम से मां गंगा की डोली रवाना होगी, जो रात्रि प्रवास के लिए भैरों घाटी स्थित देवी मंदिर में पहुंचेगी. वहां मां गंगा विश्राम करेंगी. इसके अगले दिन यानी 15 नवंबर को भैया दूज के पर्व पर मां गंगा की उत्सव डोली 6 महीने बाद अपने मायके मुखबा (मुखीमठ) पहुंचेगी, जहां पर ग्रामीण मां गंगा का स्वागत एक बेटी की तरह करेंगे.

शीतकाल यानी 6 महीने तक मां गंगा के दर्शन मुखबा में होंगे. अभी यात्रा करीब 30 दिन और चलेगी. ऐसे में नया रिकॉर्ड बनना तय है. चार धामों में से दो प्रमुख धाम गंगोत्री और यमुनोत्री उत्तरकाशी जिले में स्थित है. इनके दर्शन और पूजन के लिए देश-विदेश से काफी संख्या में तीर्थयात्री पहुंचते हैं.

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