बराक घाटी की धरती पर चार वर्षों के लंबे अंतराल के बाद पहुंचे हैं श्री श्री तपन ब्रह्मचारी (दादामणि), जो श्री श्री स्वामी स्वरूपानंद परमहंस देव के आध्यात्मिक उत्तराधिकारी और निखिल विश्व अखंड संगठन के प्रमुख हैं। उनका आठ दिवसीय दौरा शिलचर और श्रीभूमि में विभिन्न आध्यात्मिक एवं सामाजिक कार्यक्रमों से परिपूर्ण रहेगा।
स्वागत और पहला दिन: शुक्रवार दोपहर को वे कोलकाता से विमान द्वारा कुम्भीरग्राम हवाई अड्डे पहुंचे, जहां से उन्हें सिलचर के राधा माधव रोड स्थित अयाचक आश्रम लाया गया। आश्रम में कुछ समय विश्राम के बाद उन्होंने शाम को श्रद्धालुओं को दर्शन दिए।
दूसरा दिन (शनिवार): शनिवार को आश्रम परिसर में ही दीक्षा कार्यक्रम आयोजित किया गया है। इसके पश्चात शाम को स्वामी स्वरूपानंद परमहंस देव के जीवन और दर्शन पर आधारित फिल्म “ओंकार की जययात्रा” का विशेष प्रदर्शन किया जाएगा, जो श्रद्धालुओं के लिए एक प्रेरणादायक अनुभव होगा।
तीसरा दिन (रविवार): रविवार को आश्रम परिसर में एक मानव सेवा केंद्र का उद्घाटन करेंगे तपन ब्रह्मचारी। इसके बाद दोपहर में कार्यकर्ताओं के लिए एक विशेष सम्मेलन का आयोजन किया गया है। शाम को स्वरूपानंद संगीत संध्या का भव्य आयोजन होगा।
शेष कार्यक्रम: सोमवार की सुबह वे श्रीभूमि के लिए प्रस्थान करेंगे, जहां दीक्षा, कार्यकर्ता सम्मेलन और अन्य कार्यक्रम निर्धारित हैं। 9 मई को वे पुनः सिलचर लौटेंगे और उसी दिन दोपहर में कोलकाता के लिए रवाना होंगे।
बराक घाटी में तपन ब्रह्मचारी का यह दौरा आध्यात्मिक चेतना के साथ सामाजिक जागरूकता का संदेश लेकर आया है। ओंकार की जययात्रा केवल एक फिल्म नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक आंदोलन है, जो लोगों को स्वामी स्वरूपानंद जी के विचारों और जीवन मूल्यों से जोड़ता है।





















