फॉलो करें

चिकन नेक की सुरक्षा बढ़ी: पूर्वोत्तर में भारत ने रक्षा तैनाती मजबूत की

88 Views

नई दिल्ली / सिलीगुड़ी, विशेष प्रतिनिधि, प्रेरणा भारती दैनिक — विशेष रिपोर्ट, 19 नवंबर:
भारत ने पूर्वोत्तर भारत से मुख्य भूमि को जोड़ने वाले अत्यंत संवेदनशील सिलीगुड़ी कॉरिडोर (चिकन नेक) क्षेत्र में अपनी सैन्य चौकसी और क्षमता को उल्लेखनीय रूप से बढ़ा दिया है। इस गलियारे को देश की सामरिक जीवनरेखा माना जाता है, और हाल के भू-राजनीतिक घटनाक्रमों के बीच इसकी सुरक्षा को मजबूत करना केंद्र सरकार की शीर्ष प्राथमिकता बन गया है।

सूत्रों के अनुसार, भारतीय थलसेना, वायुसेना और मिसाइल रक्षा इकाइयों ने पिछले कुछ सप्ताहों में इस क्षेत्र में रणनीतिक तैनाती, अभ्यास और हाई-एलर्ट मूवमेंट को तेज किया है। पूर्वोत्तर में भारत की रक्षा तैयारियों को लेकर यह अब तक का एक बड़ा कदम माना जा रहा है।


वायुसेना की गतिविधियाँ तेज – राफेल, सुखोई और तेजस की उड़ानें बढ़ीं

भारतीय वायुसेना ने हाल ही में पूर्वोत्तर क्षेत्र में एक बड़े पैमाने का अभ्यास किया, जिसमें राफेल, सुखोई-30 एमकेआई, मिराज-2000 और तेजस जैसे लड़ाकू विमान शामिल थे। इनकी उड़ानें सिलीगुड़ी कॉरिडोर के आसपास के एयरबेस से भी देखी गईं, जिसे विशेषज्ञ “एयर डिफेंस पोजीशन को मजबूत करने की दिशा में एक स्पष्ट संकेत” मानते हैं।

वायुसेना की यह गतिविधि ऐसे समय में बढ़ी है जब अंतरराष्ट्रीय विश्लेषणों में बांग्लादेश–चीन सामरिक समीकरण की चर्चा तेज है।


मिसाइल डिफेंस सिस्टम की तैनाती को लेकर संकेत

रक्षा सूत्रों के अनुसार, पूर्वोत्तर क्षेत्र में भारत का S-400 लंबी दूरी की मिसाइल रक्षा प्रणाली पहले से ही सक्रिय है, जबकि ब्रह्मोस सुपरसोनिक मिसाइल के कुछ बैटरियों का क्षेत्र में मौजूद होना लगातार चर्चा में है।
हालाँकि, रक्षा मंत्रालय ने इन तैनातियों पर कोई औपचारिक बयान जारी नहीं किया है, लेकिन विशेषज्ञों का मत है कि “चिकन नेक पर भारत ने बहु-स्तरीय एयर डिफेंस नेटवर्क तैयार कर लिया है।”


थल सेना का भी ज़ोर: T-90 टैंकों के साथ अभ्यास

भारतीय सेना की त्रिशक्ति कोर ने हाल ही में सिलीगुड़ी कॉरिडोर के नजदीकी क्षेत्रों में T-90 टैंकों और मैकेनाइज्ड इन्फेंट्री के साथ अभ्यास किया। संवेदनशील इलाके में इस तरह का अभ्यास यह दर्शाता है कि सेना किसी भी आपात स्थिति में त्वरित प्रतिक्रिया देने के लिए तैयार है।

स्थानीय अधिकारियों के अनुसार, इन अभ्यासों से सीमा क्षेत्र के पास रहने वाले लोगों में भी सुरक्षा की भावना बढ़ी है।


चिकन नेक क्यों खास है?
  • यह मात्र 22–24 किलोमीटर चौड़ा गलियारा है
  • यही गलियारा भारत के सातों पूर्वोत्तर राज्यों को देश के बाकी हिस्से से जोड़ता है
  • किसी भी बाहरी खतरे की स्थिति में यह क्षेत्र भारत की सामरिक रीढ़ साबित होता है
  • चीन, बांग्लादेश, नेपाल और भूटान की निकटता इस गलियारे को अत्यंत संवेदनशील बनाती है

राजनीतिक संकेत भी साफ़

असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने हाल ही में कहा कि “भारत अपनी क्षेत्रीय अखंडता और सुरक्षा के प्रति पूरी तरह सजग है और चिकन नेक की सुरक्षा में कोई समझौता नहीं किया जाएगा।”
उनके इस बयान को भी हाल की तैनातियों से जोड़कर देखा जा रहा है।

चिकन नेक में सैन्य गतिविधियों की बढ़ोतरी यह दर्शाती है कि भारत किसी भी संभावित खतरे को लेकर सजग है और पूर्वोत्तर क्षेत्र में रक्षा तैयारियों को अत्याधुनिक स्तर तक बढ़ा रहा है।
हालाँकि, इनमें से कई तैनातियों पर सरकार ने आधिकारिक घोषणा नहीं की है, लेकिन जमीनी गतिविधियाँ बताती हैं कि भारत ने इस क्षेत्र की सुरक्षा को और अधिक मजबूत करने की दिशा में निर्णायक कदम उठाए हैं।

Share this post:

Leave a Comment

खबरें और भी हैं...

लाइव क्रिकट स्कोर

कोरोना अपडेट

Weather Data Source: Wetter Indien 7 tage

राशिफल