पैगोंग झील. चीनी सेना ने पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग झील के बॉर्डर के पास बड़े पैमाने पर हथियार एकत्र करना शुरु कर दिए है. एक रिपोर्ट के अनुसार इमेज में चीनी सैनिकों के बंकर दिखाई दे रहे हैं. इन्हें हथियार और ईंधन के भंडारण के लिए बनाया गया है. इसके अलावा बख्तरबंद गाडिय़ों का काफिला भी पहुंच चुका है.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार पैंगोंग झील के पास सिरजैप में चीनी सैनिकों का बेस है. यहां चीनी सैनिकों का मुख्यालय भी है. इस जगह पर भारत अपना दावा करता आया है. ये एलएसी से सिर्फ 5 किलोमीटर दूर है. 5 मई 2020 को चीनी सैनिक व भारतीय सैनिकों के बीच झड़प हो गई थी. उस वक्त ये पूरा इलाका खाली था. यहां न कोई गाड़ी थी, न ही कोई चौकी. चीनी सेना ने इसके बाद इलाके में धीरे-धीरे अपनी गतिविधियां बढ़ाईं. सेटेलाइट से जो तस्वीरें ली गई है इसमें एक भूमिगत बंकर साफ दिख रहा है. इस बंकर में 5 दरवाजे हैं. बंकर को इस तरह डिजाइन किया गया की इसे हवाई हमले से कोई नुकसान न हो. यहां तक कि बंकर में कई बख्तरबंद गाडिय़ों को छिपाया जा सकता है. परीक्षण, रेंज, ईंधन व गोला-बारूद को इक_ा करने के लिए जगह भी है. चीनी सेना ने इस बंकर तक पहुंचने के लिए सड़कों और खाइयों का नेटवर्क बनाया है. ये बेस गलवान घाटी से 120 किलोमीटर दक्षिण-पूर्व में है. जहां जून 2020 को भारतीय व चीनी सैनिकों के बीच झड़प हुई थी. इस दौरान 20 भारतीय सैनिकों की जान चली गई थी. अब तक भारत सरकार की तरफ से कोई भी जवाब नहीं आया है. आज के समय में उपग्रहों या हवाई निगरानी प्लेटफार्मों का उपयोग करके सब कुछ सटीक रूप से पता लगाया जा सकता है. बेहतर सुरक्षा व्यवस्था बनाने के लिए सुरंग बनाना ही एकमात्र उपाय है. इसके पहले मई माह में चीन ने उत्तर-पूर्वी राज्य सिक्किम के समीप तिब्बत में शिगात्से एयरबेस पर अत्याधुनिक लड़ाकू विमानों को तैनात किया था. 27 मई को जारी सैटेलाइट तस्वीरों इसका खुलासा हुआ था. ये इलाका भारत के पूर्वी क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा से केवल 150 किलोमीटर दूर है.