नई दिल्ली। चुनाव परिणाम आने के पहले ही जीत के प्रति आश्वस्त प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी काम पर जुट गए हैं। चुनाव प्रचार खत्म होने के बाद दो दिन तक कन्याकुमारी में ध्यान लगाने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने रविवार को सात अलग-अलग मुद्दों पर अधिकारियों के साथ बैठक की। इनमें चक्रवात रेमल से पूर्वोत्तर भारत के हालात और पूरे देश में गर्मी के प्रकोप की समीक्षा शामिल है।इसके साथ ही उन्होंने मोदी 3.0 के लिए 100 दिन के रोडमैप के लिए तैयारियों की भी समीक्षा की।पूरे देश में पड़ रही भीषण गर्मी के प्रभावों और उससे निपटने की तैयारियों की समीक्षा के दौरान प्रधानमंत्री सभी अस्पतालों और सार्वजनिक स्थानों पर आग से बचाव के उपायों और बिजली उपकरणों की सुरक्षा मानकों पर आडिट का निर्देश दिया।ध्यान देने की बात है कि गर्मी के कारण कई स्थानों पर एसी व बिजली उपकरणों में बलास्ट की घटनाएं सामने आई है। इसके साथ ही प्रधानमंत्री जंगलों में आग रोकने के लिए लगातार नजर रखने और वहां बायोमास के बेहतर इस्तेमाल की रणनीति तैयार करने को कहा। इस दौरान मौसम विभाग के अधिकारियों ने बताया कि आने वाले दिनों में गुजरात, मध्यप्रदेश और राजस्थान में गर्मी का प्रकोप जारी रह सकता है। वहीं मानसून के आगमन से इसमें राहत मिलने की उम्मीद है।
मौसम विभाग के अधिकारियों ने कहा कि इस साल भारत में सामान्य या सामान्य से अधिक वर्षा होने की संभावना है। चक्रवात रेमल से उत्पन्न स्थिति की समीक्षा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी को इससे प्रभावित इलाकों और जान-माल की हुई हानि की जानकारी दी गई। अधिकारियों ने बताया कि मिजोरम, असम, मणिपुर, मेघालय और त्रिपुरा में रेमल के कारण हुई वर्षा से आई बाढ़ और जमीन खिसकने के कारण कई घरों को नुकसान पहुंचा है और कई लोगों की जान भी गई है। इन इलाकों में एनडीआरएफ की टीम राहत और बचाव कार्यों में लगी है।
इसमें केंद्रीय गृहमंत्रालय संबंधित राज्य सरकारों से लगातार संपर्क में है और हर संभव सहायता उपलब्ध करा रहा है। प्रधानमंत्री ने साफ किया कि इससे प्रभावित राज्यों में केंद्रीय सहायता में कमी नहीं आनी चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने पांच जून को विश्व पर्यावरण दिवस की तैयारियों की भी समीक्षा की।चुनाव की घोषणा के पहले ही प्रधानमंत्री मोदी ने विभिन्न मंत्रालयों के अगली सरकार के 100 दिन के लिए कामकाज का रोडमैप तैयार करने की जिम्मेदारी सौंपी थी। ढाई महीने लंबी चली चुनाव प्रक्रिया के बीच में सभी मंत्रालयों ने अपना-अपना रोडमैप तैयार कर लिया है। प्रधानमंत्री ने इस रोडमैप पर अधिकारियों के साथ चर्चा की और उनमें जरूरी संशोधन का सुझाव भी दिया।