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प्रे.सं.लखीपुर 2 नवंबर: इस बार लखीपुर विधानसभा क्षेत्र से बिन्नाकांदी विकासखंड के छोटामामदा गांव पंचायत अध्यक्ष राजेश दास के खिलाफ भ्रष्टाचार के कई आरोप लग रहे हैं।छोटामामदा गांव पंचायत के जागरूक लोगों का एक समूह बुधवार को गांव पंचायत अध्यक्ष राजेश दास के कई भ्रष्टाचार उजागर किया । जिसमें सतीश चंद्र दास, रामजय दास, परिमल दास, परितोष दास शामिल हैं। कई लोगों का कहना हैं राजेश दास गांव पंचायत अध्यक्ष चुने जाने के बाद रातों-रात अमीर बन गया है । प्रधान मंत्री आवास योजना से प्रत्येक ग्राम विकास परियोजना में भ्रष्टाचार जारी है, छोटामामदा गांव पंचायत में कोई भी सरकारी परियोजना सुचारु रूप से नहीं चल रहा है। ग्रामीण विकास के नाम पर आवंटित धन का लूट चल रहा है। इस गांव पंचायत के वार्ड नंबर दो में पीडब्ल्यूडी सड़क से कप्तानपुर हावर तक लघु सिंचाई बांधों एवं सड़कों का निर्माण मनरेगा परियोजना से ९ लाख ३३ हजार ७०१ रुपये आवंटित किये गये लेकिन आश्चर्य की बात यह है कि इस सड़क का निर्माण रात के अंधेरे में केवल १२ ट्रक मिट्टी डालकर काम को सम्पन्न बताया गया। ऐसा स्थानीय लोगों ने शिकायत की। इस प्रकार एक और महत्वपूर्ण परियोजना है, जहां किसानों और मछुआरों के हित जुड़े हुए हैं। जहां दो हजार बीघे से अधिक कृषि भूमि को कृषि कार्य के लायक बनाने के लिए चट्टानी नाली बनाने के नाम पर ६ लाख ८९ हजार रुपये आवंटित किये गये हैं, लेकिन हकीकत में इस नाले को बनाने का काम किए बिना ही प्रोजेक्ट पूरा कर लिया गया है. इस नहर कार्य में ५३ दिन का कार्य दर्शाया गया है। छोटामामदा जीपी के लोगों के एक वर्ग ने शिकायत की कि २२३ के मजदुरी पर ५३दिनों तक काम करने के बाद,६ लाख ८९ हजार की पूरी राशि चोरी कर ली गई। किसानों की शिकायत है कि इन नालों के चालू न होने से कृषि भूमि खेती के लिए अनुपयुक्त हो गई है।शिकायत यहीं ख़त्म नहीं होती है,सी सी ब्लॉक सड़क निर्माण और खुले भ्रष्टाचार का यहीं अंत नहीं है। जागरूक लोग आवाज उठा रहे हैं कि भा ज पा के नामांकन पर निर्वाचित गांव पंचायत अध्यक्ष राजेश दास सत्तारूढ़ दल की छत्रछाया में रहकर ग्रामीण विकास के कार्यों में बेलगाम भ्रष्टाचार कर रहे हैं। छोटामामदा गांव पंचायत के लोगों ने इलाके के विकास कार्यों की निष्पक्ष जांच की मांग करते हुए काछाड़ के जिला आयुक्त से हस्तक्षेप की मांग की। आरोपों के संबंध में जब गांव पंचायत अध्यक्ष राजेश दास से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि रोकर खाल नहर और सड़क पर तेरह सौ मीटर काम हुआ है, मरानाला एकशाना से कप्तानपुर हवार सड़क के लिए ६लाख ८९ हजार मंजूर किए गए, उन पैसों से करीब १ लाख २० हजार का काम करने के बाद बाकी काम अचानक आई बाढ़ के कारण नहीं हो सका, काम नहीं होने पर बाकी पैसा सरकार के खाते में वापस जमा हो गए। क्या यह सच है कि लोगों की शिकायत थी कि सि सि ब्लाक सड़क निर्माण का काम १५० मीटर होना था और १५० मीटर नहीं हुआ?इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि उक्त सड़क के लिए जो पैसा स्वीकृत हुआ था, उससे सड़क का काम किया गया, एक सौ तीस मीटर तक सीसी ब्लॉक लगाए गए हैं। शेष क्षेत्र चार फीट की ऊंचाई और चालीस फीट की लंबाई तक मिट्टी से भरा हुआ है।