नई दिल्ली. कोविड-19 के कारण लंबे समय तक टली भारत की जनगणना दोबारा शुरू होने जा रही है. खबरें हैं कि 2025 में जनगणना का आगाज हो सकता है. हालांकि, इसे लेकर आधिकारिक तौर पर कोई पुष्टि नहीं हुई है. बता दें इससे पहले जनगणना 2011 में हुई थी. कहा जा रहा है कि ताजा जनगणना पूरी होने के बाद लोकसभा सीटों का परिसीमन हो सकता है.
एक रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि देश की जनसंख्या का आधकारिक सर्वे 2025 में शुरू हो सकता है, जो साल 2026 तक जारी रहेगी. रिपोर्ट के अनुसार, जनगणना के बाद लोकसभा सीटों का परिसीमन शुरू होगा. यह प्रक्रिया 2028 तक चल सकती है.
भारत के महापंजीयक एवं जनगणना आयुक्त के रूप में कार्यरत मृत्युंजय कुमार नारायण की सेंट्रल डेप्युटेशन को अगस्त 2026 तक बढ़ाया गया है. इससे उनके लंबे अरसे से लंबित दशकीय जनगणना की कवायद को पूरा करने के लिए टीम का नेतृत्व करने का मार्ग तैयार हो गया है. नारायण 1995 बैच के उत्तर प्रदेश कैडर के भारतीय प्रशासनिक सेवा अधिकारी हैं. वह 2020 से केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधीन प्रमुख पद (महापंजीयक एवं जनगणना आयुक्त) पर कार्यरत हैं.
देश में पहली बार जनगणना के आंकड़े डिजिटल तरीके से जुटाए और संकलित किए जाएंगे. इसके लिए विशेष पोर्टल तैयार किया गया है. इस पोर्टल में जातिवार जनगणना के आंकड़ों के लिए भी प्रावधान किए जा रहे हैं. सूत्रों के मुताबिक जातिवार जनगणना होने की स्थिति में पहली बार देश में मुसलमानों और अन्य मतों के अनुयायियों की भी जातियां गिनी जाएंगी. सांख्यिकी और विधि मंत्रालय से जुड़े सूत्रों के मुताबिक केंद्र सरकार ने जनगणना के साथ जातिवार जनगणना कराने को लेकर फिलहाल औपचारिक फैसला नहीं किया है. लेकिन पूरे आसार हैं कि भविष्य के मद्देनजर अभी जनगणना को बहुआयामी, भविष्योन्मुखी और सर्व समावेशी बनाया जाए. सूत्रों के मुताबिक कोरोना महामारी और फिर लोकसभा चुनाव के कारण अटकी हुई 2021 की जनगणना 2025 में हो सकेगी.