भगवान बिरसा मुंडा को श्रद्धांजलि; समावेशी जनजातीय विकास पर केंद्रित रहा आयोजन
शिलचर (कछार) — कछार ज़िले के राजाबाजार विकास खंड के अंतर्गत जॉयपुर आदिवासी गाँव में मंगलवार को जनजातीय गौरव वर्ष पखवाड़ा उत्साहपूर्वक मनाया गया। कार्यक्रम के तहत भगवान बिरसा मुंडा की जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित की गई और स्वच्छता, वृक्षारोपण तथा वित्तीय साक्षरता जैसे कई जनहितकारी अभियानों का आयोजन किया गया।
दिन की शुरुआत गाँव में स्वच्छता अभियान से हुई, जिसमें ग्रामीणों, प्रशासनिक अधिकारियों और स्वयंसेवकों ने संयुक्त रूप से भाग लिया। इस पहल का उद्देश्य पर्यावरणीय ज़िम्मेदारी और स्वच्छता के महत्व को जन-जन तक पहुँचाना था। इसके पश्चात् राजाबाजार ब्लॉक के आदि कर्मयोगियों और आदि सहयोगियों द्वारा वृक्षारोपण अभियान चलाया गया, जो विकास, स्थिरता और प्रकृति के साथ आदिवासी संस्कृति के गहरे संबंध का प्रतीक रहा।
जॉयपुर खंड-IV स्थित शिवस्थान सामुदायिक भवन में आयोजित मुख्य समारोह में भगवान बिरसा मुंडा को श्रद्धांजलि दी गई। इस अवसर पर सहायक आयुक्त, जिला प्रमुख, राजाबाजार के बीडीओ, ग्राम पंचायत अध्यक्ष, एसटी मोर्चा संघ के अध्यक्ष और विभिन्न आदिवासी समुदायों के प्रतिनिधि उपस्थित थे। वक्ताओं ने बिरसा मुंडा के स्वतंत्रता संग्राम में योगदान और सामाजिक न्याय एवं आत्मसम्मान के उनके संदेश को स्मरण किया।
समारोह का एक प्रमुख आकर्षण वित्तीय साक्षरता प्रशिक्षण कार्यक्रम रहा, जिसका उद्देश्य ग्रामीण व आदिवासी परिवारों में आर्थिक जागरूकता फैलाना और आत्मनिर्भरता को प्रोत्साहित करना था। इस सत्र में प्रमुख जिला प्रबंधक ने जन-धन खातों, डिजिटल इंडिया अभियान और कैशलेस लेनदेन की आवश्यकता पर प्रकाश डाला, जबकि जिला मत्स्य अधिकारी ने प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (PMMSY) के लाभों की जानकारी दी और ग्रामीणों को मत्स्य पालन को आजीविका के रूप में अपनाने के लिए प्रेरित किया।
राजाबाजार के खंड विकास अधिकारी (बीडीओ) ने मनरेगा, प्रधानमंत्री आवास योजना, 15वें वित्त आयोग अनुदान, वृद्धावस्था पेंशन और ओरुनोदोई 3.0 योजना जैसी प्रमुख सरकारी योजनाओं पर विस्तार से जानकारी दी और पात्र लाभार्थियों को इन योजनाओं का लाभ उठाने का आग्रह किया।
कुल 266 प्रतिभागियों — जिनमें महिलाएँ, युवा और सामुदायिक प्रतिनिधि शामिल थे — ने इस प्रशिक्षण में सक्रिय रूप से भाग लिया। संवादात्मक सत्रों ने स्थानीय स्तर पर जागरूकता बढ़ाने और यह सुनिश्चित करने पर बल दिया कि सरकारी योजनाओं का लाभ हर पात्र परिवार तक पहुँचे।
कछार जिला प्रशासन के तत्वावधान में आयोजित यह एकदिवसीय कार्यक्रम न केवल सामाजिक-आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करने वाला रहा, बल्कि इसने आदिवासी विरासत के संरक्षण और समावेशी विकास के प्रति साझा प्रतिबद्धता को भी सशक्त रूप से प्रदर्शित किया।





















