गुवाहाटी (असम), 28 नवंबर : जल जीवन मिशन और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के बीच आज समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया गया। असम सरकार के लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के मंत्री जयंतमल्ल बरुवा ने मंगलवार को असम के खानापाड़ा में जल जीवन मिशन और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, असम के बीच प्रशासनिक अधिकारी कॉलेज सभागार में आयोजित हस्ताक्षर समारोह की अध्यक्षता की।
इस समझौता ज्ञापन का उद्देश्य सामान्य लक्ष्यों के साथ आगे बढ़ने के लिए विभागों के बीच समन्वय बनाना है। इसका उद्देश्य सुरक्षित पानी और अच्छे स्वास्थ्य के बीच संबंधों के बारे में जागरूकता पैदा करना है। क्योंकि, यह जल जनित बीमारियों, विशेष रूप से बच्चों की बीमारियों को कम करके स्कूलों में ड्रॉपआउट की संख्या को कम कर सकता है। जैसा कि जल जीवन मिशन (जेजेएम) और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) का मुख्य उद्देश्य लोगों को अच्छा स्वास्थ्य प्रदान करना है।
दोनों विभागों के बीच इस सहयोग के तहत, आशा कार्यकर्ता अपने पर्यवेक्षकों, पीएचईडी और ग्राम पंचायत अधिकारियों के सहयोग से क्षेत्र की युवा लड़कियों के साथ-साथ अन्य पुरुष सदस्यों को मासिक बैठकों के माध्यम से सुरक्षित जल उपयोग तकनीक, पानी की गुणवत्ता, जल जनित बीमारियों आदि के बारे में जानकारी देगी।
बैठक में मंत्री बरुवा ने कहा कि “जल जीवन मिशन, असम और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, असम एक साथ हर ग्रामीण परिवार के लिए अच्छा स्वास्थ्य सुनिश्चित करने की दिशा में काम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे समय में जब जल जीवन मिशन अपने लक्ष्य के करीब पहुंच रहा है, एनएचएम के साथ उठाया गया यह कदम ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों के समग्र विकास को सुनिश्चित करने में और सहायक होगा।
मंत्री बरुवा ने यह भी कहा कि “एक बार जब हम स्वच्छ पानी की आवश्यकता के बारे में जागरूक हो जाते हैं, तो हर कोई एफएचटीसी के महत्व को महसूस करेगा और परिणामस्वरूप, घर को स्वच्छ पानी प्रदान करने के लिए सरकार द्वारा किया जाने वाला प्रयास सफल होगा।”
इस अवसर पर असम सरकार के स्वास्थ्य मंत्री केशव महंत, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अविनाश जोशी, जल जीवन मिशन के निदेशक कैलाश कार्तिक, नेशनल हेल्थ मिशन के निदेशक डॉक्टर एम लक्ष्मी प्रिया समेत कई अन्य गण्यमान्य व्यक्ति मौजूद रहे।