फॉलो करें

जल जीवन मिशन की धज्जियाँ: हाइलाकांदी के बोआलीपार पार्ट 2 में पेयजल परियोजना चार साल से खस्ताहाल, आम आदमी आज भी तालाबों और कुओं पर निर्भर

72 Views
प्रीतम दास, हाइलाकांदी ३० जून:
केंद्र सरकार ने ‘हर घर को स्वच्छ पेयजल’ उपलब्ध कराने के महान उद्देश्य से ‘जल जीवन मिशन’ नामक एक ऐतिहासिक परियोजना शुरू की। इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य देश के हर गाँव और शहर के वंचित लोगों के घर-द्वार तक पाइपलाइन के माध्यम से सुरक्षित और स्वच्छ पेयजल पहुँचाना था।
लेकिन वास्तविकता इससे बिल्कुल अलग है। परियोजना शुरू होने के पाँच साल बाद भी असम के हाइलाकांदी जिले के कई इलाकों में इस परियोजना की प्रभावशीलता पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। शहर के बाहरी इलाके में स्थित बोआलीपार पार्ट 2 इसका एक प्रमुख उदाहरण है।
जल जीवन मिशन के तहत बोआलीपार पार्ट 2 में बनी पीएचई परियोजना पिछले चार सालों से पूरी तरह खस्ताहाल है। जलाशय या टैंक में पानी नहीं है, पाइपलाइनें जंग खा चुकी हैं और मुख्य पंप लंबे समय से काम नहीं कर रहा है। संबंधित विभागों को कई बार शिकायत करने के बावजूद कोई स्थायी समाधान नहीं हुआ है। इसके विपरीत, परियोजना की दुर्दशा दिन-प्रतिदिन खराब होती जा रही है। प्रभावी पेयजल आपूर्ति व्यवस्था न होने के कारण, क्षेत्र के लोग अभी भी तालाब और कुओं के पानी का उपयोग करने को मजबूर हैं। खासकर मानसून के दौरान, यह पानी और भी गंदा हो जाता है, जिससे जल जनित बीमारियों की घटनाओं में वृद्धि होती है। डायरिया, पेट की बीमारियाँ, त्वचा रोग – क्षेत्र के कई लोग अक्सर इन समस्याओं से पीड़ित होते हैं। क्षेत्र के एक स्थायी निवासी ने दुख जताते हुए कहा, “चार साल से हमें सिर्फ आश्वासन ही मिले हैं, लेकिन पानी की एक बूंद भी नहीं मिली है। परियोजना कागजों पर है, लेकिन हकीकत में कुछ भी नहीं है।” सरकारी वादे बहरे कानों पर पड़े गौरतलब है कि सरकार ने जल जीवन मिशन के तहत असम, खासकर चाय-बगीचों और ग्रामीण इलाकों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने का वादा किया था। लेकिन बोआलीपार पार्ट 2 समेत कई इलाकों के हालात यह साफ कर रहे हैं कि यह वादा आज सिर्फ जुमले बनकर रह गया है। बिगड़ते हालात से नाराज स्थानीय लोगों ने चेतावनी दी है कि अगर रुकी हुई परियोजना की जल्द मरम्मत नहीं की गई और प्रभावी पेयजल आपूर्ति नहीं की गई तो वे बड़े जनांदोलन के लिए बाध्य होंगे। मौजूदा हालात में स्थानीय लोगों की मुख्य मांग जिला प्रशासन और राज्य सरकार का ध्यान इस ओर आकर्षित करना है। सिर्फ परियोजना के शुरू होने की घोषणा ही नहीं, बल्कि इसका प्रभावी क्रियान्वयन और दीर्घकालिक रखरखाव भी सरकार की प्राथमिकता होनी चाहिए।

Share this post:

Leave a Comment

खबरें और भी हैं...

लाइव क्रिकट स्कोर

कोरोना अपडेट

Weather Data Source: Wetter Indien 7 tage

राशिफल