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जानीगंज काली पूजा: आस्था और संस्कृति का अनोखा संगम

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जानी-मानी जानीगंज काली पूजा समिति के तत्वावधान में इस वर्ष भी तीन दिवसीय काली पूजा का आयोजन भक्तिभाव और हर्षोल्लास के साथ संपन्न हुआ। धार्मिक अनुष्ठानों के साथ-साथ सांस्कृतिक कार्यक्रमों की विविधता ने पूरे क्षेत्र को उत्सवमय बना दिया।

पूजा पंडालों में इस बार विशेष आकर्षण का केंद्र थे सड़क पर बने दो भव्य मंच, जिन पर प्रतिदिन अलग-अलग थीम आधारित प्रस्तुति दी गई। ईश्वरीय ब्रह्मकुमारी विश्वविद्यालय की ओर से आयोजित “जीवंत काली प्रदर्शनी” ने भक्तों में गहरी आध्यात्मिक भावना और रोमांच का संचार किया। वहीं, बालाजी भक्तिमंडल, शिलचर द्वारा प्रस्तुत आधुनिक संगीत, नृत्य और जीवंत हनुमान पर आधारित नाट्य प्रस्तुति ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।

जानीगंज काली पूजा समिति के अध्यक्ष राजकुमार पाल ने बताया कि, “प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी पूजा के सभी धार्मिक अनुष्ठान सात्त्विक और पूर्ण श्रद्धा के साथ संपन्न किए गए।” उन्होंने आगे कहा कि, “हमारा उद्देश्य पूजा के धार्मिक भाव को अक्षुण्ण रखते हुए सांस्कृतिक माध्यम से समाज में एकता, आनंद और भक्ति का संदेश फैलाना है।”

इस वर्ष कार्यक्रम के दौरान असम के दिवंगत लोकप्रिय गायक जुबिन गर्ग और प्रसिद्ध लोकसंगीतकार कालिका प्रसाद भट्टाचार्य को श्रद्धांजलि अर्पित की गई, जिससे माहौल भावनात्मक और प्रेरणादायक बन गया।

पूरे जानीगंज क्षेत्र में तीन दिनों तक चली इस भव्य पूजा में स्थानीय लोगों के साथ-साथ दूर-दराज़ से आए भक्तों ने भी उत्सव का भरपूर आनंद लिया। धार्मिक आस्था, भक्ति, संगीत और सांस्कृतिक रंगारंगता का यह संगम जानिगंजवासियों के लिए एक अविस्मरणीय अनुभव बन गया।

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