Jamtara Cyber Crime जामताड़ा के पांच साइबर ठगों को रांची की विशेष अदालत ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दोषी पाया है। 23 जुलाई को पांचों दोषियों के खिलाफ सजा का एलान होगा। मिली जानकारी के अनुसार पांचों आरोपी ने बैंक अधिकारी बनकर सैंकड़ों लोगों से लाखों रुपये की ठगी की थी। इनकी ठगी की कहानी पर जामताड़ा वेबसीरीज बन चुकी है।
राज्य ब्यूरो, रांची। Jamtara Cyber Crime बैंक अधिकारी बनकर सैंकड़ों लोगों से लाखों रुपये की ठगी करने वाले जामताड़ा के पांच साइबर ठगों को रांची स्थित पीएमएलए के विशेष न्यायाधीश पीके शर्मा की अदालत ने दोषी करार दिया है।
पांचों आरोपित साइबर ठगी के मामलों में पूर्व में गिरफ्तार किए जाने के बाद जमानत पर थे। कोर्ट के आदेश के बाद उन्हें हिरासत में ले लिया गया है। इनकी सजा के बिंदु पर 23 जुलाई को सुनवाई होगी।
अदालत ने जिन्हें दोषी करार दिया है, उनमें गणेश मंडल, उसका बेटा प्रदीप मंडल, संतोष मंडल, उसका बेटा पिंटू मंडल व अंकुश कुमार मंडल शामिल हैं। सभी अपराधी जामताड़ा के नारायणपुर थाना क्षेत्र के मिरगा गांव के रहने वाले हैं।
इन्हीं ठगों की कहानी पर बनी जामताड़ा वेबसीरीज
बताया जाता है कि जामताड़ा के इन्ही साइबर ठगों की कहानी पर जामताड़ा वेबसीरीज बनी थी। वेब सीरीज में प्रदीप मंडल और उसके अलग-अलग साथियों के नाम का उल्लेख था। शनिवार को अदालत में चार अपराधी व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में उपस्थित थे।
दोषी करार दिए जाने के बाद चार अपराधियों को हिरासत में लेकर रांची के होटवार जेल भेज दिया गया है। पांचवां अपराधी अंकुश मंडल देवघर जेल में किसी और मामले में न्यायिक हिरासत में है। उसे वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से कोर्ट में प्रस्तुत किया गया।
इन अपराधियों पर फर्जी पते पर सिमकार्ड जारी कराने और खुद को बैंक अधिकारी बता लोगों को झांसा देकर उनके बैंक खातों से रकम उड़ाने का आरोप है। इस मामले में ईडी की ओर से विशेष लोक अभियोजक अतीश कुमार ने 24 गवाहों को प्रस्तुत किया था, जिसके आधार पर कोर्ट ने पांचो अपराधियों को दोषी करार दिया।
नारायणपुर थाने के केस में दर्ज हुआ था ECIR
जामताड़ा जिले के नारायणपुर थाने में 29 दिसंबर 2015 को कांड संख्या 207/2015 दर्ज किया गया था। आरोपितों पर बैंक प्रबंधक, बैंक अधिकारी बनकर लोगों को काल कर उनके बैंक खाते का ब्योरा लेकर उनके खाते से अवैध निकासी का आरोप लगा था। जामताड़ा पुलिस ने जांच के बाद 22 जुलाई 2016 को भारतीय दंड विधि की धाराओं व सूचना तकनीक अधिनियम में चार्जशीट किया था।
उक्त चार्जशीट प्रदीप कुमार मंडल, पिंटू मंडल, मुकेश कुमार मंडल, गणपति मंडल, प्रकाश मंडल व विशु मंडल पर हुआ था। इसी एफआइआर व चार्जशीट के आधार पर ईडी ने मनी लांड्रिंग अधिनियम के तहत वर्ष 2019 में इंफोर्समेंट केस इंफार्मेशन रिपोर्ट (ईसीआइआर) दर्ज किया था।
आरोपितों ने बनाई 65.99 लाख की संपत्ति
ईसीआइआर करने के बाद ईडी ने अनुसंधान में पाया था कि आरोपित प्रदीप कुमार मंडल, पिंटू मंडल, अंकुश कुमार मंडल व अन्य ने साइबर अपराध से 65 लाख 99 हजार 944 रुपये 71 पैसे की चल व अचल संपत्ति अर्जित की।
अपराधियों ने अपराध की आय से नया घर बनाया, जमीन खरीदी, वाहन खरीदे। इन सभी चल-अचल संपत्तियों को ईडी ने 10 मार्च 2021 को अस्थायी रूप से जब्त की थी। इसे पीएमएलए, नई दिल्ली के न्यायिक प्राधिकार ने तीन सितंबर 2021 को सही पाया था, जिसके बाद स्थायी जब्ती हुई थी।