नई दिल्ली। जिम्बाब्वे के दिग्गज ऑलराउंडर और पूर्व कप्तान हीथ स्ट्रीक का 22 अगस्त निधन हो गया. वो 49 साल के थे. जिम्बाब्वे क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान रहे हीथ स्ट्रीक कैंसर की चपेट में थे. अपने क्रिकेट करियर के दौरान स्ट्रीक नेजिम्बाब्वे के लिए इंटरनेशनल क्रिकेट में 65 टेस्ट और 189 वनडे मैच खेले थे. उन्होंने साल 2000 से 2004 के बीच जिम्बाब्वे टीम की कप्तानी की थी. वो जिम्बाब्वे के इकलौते ऐसे खिलाड़ी हैं, जिन्होंने टेस्ट क्रिकेट में 100 प्लस विकेट लिए हैं.
हीथ स्ट्रीक का इंटरनेशनल क्रिकेट करियर 12 साल का रहा. इस दौरान उन्होंने दुनिया भर की पिचों पर अपने क्रिकेटिंग टैलेंट का लोहा मनवाया. वो जिम्बाब्वे के ही नहीं बल्कि अपने समय में वर्ल्ड क्रिकेट के भी नामचीन ऑलराउंडर्स में एक थे. हालांकि, क्रिकेट में अपने विरोधियों पर भारी पड़ने वाले स्ट्रीक कैंसर से मैच नहीं जीत सके. इस गंभीर बीमारी की चपेट में वो लंबे समय से थे. और, आखिरकार इस लड़ाई का अंत उनके निधन पर आकर खत्म हुआ.
हीथ स्ट्रीक की मौत पर वर्ल्ड क्रिकेट भी गमगीन है. उनके साथी खिलाड़ी हेनरी ओलंगा ने उनके निधन की जानकारी देते हुए गहरा शोक जताया है. उन्होंने ट्वीट किया कि स्ट्रीक हमारे देश के महान ऑलराउंडर थे. उनके साथ क्रिकेट खेलने का एहसास मेरे लिए काफी सुखद रहा. हीथ स्ट्रीक ऑलराउंडर थे, लेकिन वो ज्यादा पॉपुलर अपनी बॉलिंग स्किल्स को लेकर थे. जिम्बाब्वे के लिए मिडिल ऑर्डर में बल्लेबाजी करते हुए स्ट्रीक ने टेस्ट क्रिकेट में 1990 रन बनाए. जबकि वनडे में उन्होंने 2943 रन जड़े हैं. टेस्ट क्रिकेट में उनके नाम बस एक शतक हैै, जो उन्होंने हरारे में वेस्टइंडीज के खिलाफ जड़ा था.
हीथ स्ट्रीक ने अपना इंटरनेशनल डेब्यू साल 1993 में पाकिस्तान के खिलाफ किया था. कराची में खेले डेब्यू टेस्ट में उन्होंने कोई विकेट नहीं झटका था. लेकिन, रावलपिंडी में करियर का दूसरा टेस्ट खेलते हुए स्ट्रीक ने 8 विकेट लिए थे. 2005 में इंटरनेशनल क्रिकेट से रिटायर होने के बाद उन्हें 2006 में इंग्लैंड की काउंटी टीम वार्विकशर ने 2 साल के करार के साथ अपना कप्तान बनाया. लेकिन, कुछ निजी वजहों के चलते उन्हें ये करार जल्दी ही खत्म करना पड़ गया. इसके बाद 2007 में वो इंडियन क्रिकेट लीग से जुड़े.
क्रिकेट से रिटायर होने के बाद हीथ स्ट्रीक ने कोचिंग को भी अपना करियर बनाया. उन्होंने जिम्बाब्वे, स्कॉटलैंड, बांग्लादेश, गुजरात लायंस, कोलकाता नाइट राइडर्स जैसी टीमों को कोचिंग की. हालांकि, क्रिकेट के उनके इस शानदार करियर पर तब एक दाग लग गया, जब ICC की एंटी करप्शन यूनिट ने उन्हें 8 साल के लिए बैन कर दिया था.