नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को इटली में चल रहे जी-7 शिखर सम्मेलन के आउटरीच सत्र को संबोधित किया. अपने भाषण में उन्होंने तकनीकी प्रगति, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और ग्लोबल साउथ में भारत की भूमिका को लेकर बात रखी. उन्होंने समाज के सभी वर्गों तक तकनीक की पहुंच सुनिश्चित करके इसके लोकतंत्रीकरण की आवश्यकता पर बल दिया.
पीएम मोदी ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और इनर्जी, अफ्रीका और भूमध्य सागर पर आयोजित सत्र में बोलते हुए कहा, हमें सामूहिक रूप से यह सुनिश्चित करना होगा कि तकनीत का लाभ सभी वर्गों तक पहुंचे, समाज के प्रत्येक व्यक्ति की क्षमता को उजागर किया जाए, सामाजिक असमानताओं को दूर करने में मदद मिले और मानव क्षमताओं को सीमित करने के बजाय उनका विस्तार किया जाए. यह न केवल हमारी इच्छा होनी चाहिए बल्कि हमारी जिम्मेदारी भी होनी चाहिए. प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि भारत आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर राष्ट्रीय रणनीति तैयार करने वाले पहले कुछ देशों में शामिल है. इसी स्ट्रेटेजी के आधार पर हमने इस वर्ष एआई मिशन लॉन्च किया है.
इसके अलावा पीएम मोदी ने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक, यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लोदोमीर जेलेंस्की, जापानी पीएम फुमियो किशिदा और कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो से मुलाकात की. इसके अलावा प्रधानमंत्री मोदी पोप फ्रांसिस से मिले. उनका हालचाल पूछा. पोप ने पीएम मोदी को गले लगाया. पोप फ्रांसिस सात देशों के समूह G7 को संबोधित करने वाले पहले पोप बन गए. पोप ने AI की संभावनाओं और खतरों पर प्रकाश डाला.
जी-7 समिट के इतर पीएम मोदी ने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के साथ द्विपक्षीय बैठक की. दोनों नेताओं के बीच रक्षा, परमाणु, अंतरिक्ष शिक्षा, जलवायु, सार्वजनिक बुनियादी ढांचे, कनेक्टिविटी और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई. मोदी और मैक्रों ने ‘होराइजन 2047’ रोडमैप और भारत-प्रशांत रोडमैप पर ध्यान केंद्रित करते हुए भारत और फ्रांस के बीच आपसी संबंधों की समीक्षा की. दोनों नेताओं ने प्रमुख वैश्विक और क्षेत्रीय मुद्दों पर भी विचार-विमर्श किया.