हाइलाकांदी, 29 जुलाई: बोंगाईगांव में लोक निर्माण विभाग की महिला जूनियर इंजीनियर जोशिता दास की आत्महत्या के बाद पूरे राज्य में शोक और आक्रोश का माहौल है। इस घटना को लेकर हाइलाकांदी जिला एनएसयूआई ने सोमवार को कैंडल मार्च निकालते हुए सरकार के खिलाफ जोरदार विरोध प्रदर्शन किया और मामले की सीबीआई जांच की मांग की।
एनएसयूआई का कहना है कि यह घटना केवल एक आत्महत्या नहीं, बल्कि सिस्टम की विफलता और कार्यस्थल पर मानसिक उत्पीड़न का गंभीर उदाहरण है। संगठन के जिला अध्यक्ष सद्दीक चौधरी ने कहा, “जोशिता जैसी प्रतिभावान और समर्पित महिला अधिकारी की मौत ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। हम चाहते हैं कि इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच सीबीआई से कराई जाए ताकि दोषियों को कड़ी सजा मिले।”
बताया गया है कि 30 वर्षीय जोशिता दास, मूल रूप से गुवाहाटी की निवासी थीं और हाल ही में उनका तबादला बोंगाईगांव हुआ था। वह अपने किराए के घर में मृत पाई गईं। पुलिस को घटनास्थल से एक सुसाइड नोट मिला है, जिसमें उन्होंने विभाग के दो वरिष्ठ अधिकारियों – अधीक्षण अभियंता दिनेश मेधी शर्मा और एसडीओ अमीनुल इस्लाम – पर मानसिक उत्पीड़न का आरोप लगाया है।
जोशिता ने नोट में लिखा कि उन पर एक अधूरी सरकारी परियोजना का बिल पास कराने का दबाव डाला जा रहा था, जिससे वह मानसिक तनाव में थीं। उन्होंने यह भी लिखा कि उन्हें कार्यालय में सहयोग नहीं मिल रहा था और वह बेहद अकेली महसूस कर रही थीं। पुलिस ने दोनों अधिकारियों को गिरफ्तार कर लिया है और उनसे पूछताछ जारी है। सुसाइड नोट को फोरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है।
मुख्यमंत्री ने बुधवार को मामले की गंभीरता को स्वीकार करते हुए कहा कि विभागीय जांच के आदेश दे दिए गए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि “यदि निर्माण कार्य में कोई अनियमितता या धोखाधड़ी पाई जाती है तो सरकार कार्रवाई करेगी और पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए सभी संभव कदम उठाए जाएंगे।”
सोमवार को हाइलाकांदी में आयोजित कैंडल मार्च में एनएसयूआई के अलावा युवा कांग्रेस, छात्र संगठनों और स्थानीय कॉलेज के छात्र नेताओं ने भी हिस्सा लिया। इस मौके पर युवा कांग्रेस अध्यक्ष शाहिदुल इस्लाम बारुभुयान, श्रीकृष्ण शारदा कॉलेज के सहायक महासचिव रीत धर, राजशंकर साहा, अल्लामा ताहिद खान, रिबुल चौधरी और कई अन्य प्रमुख युवा नेता उपस्थित थे।
विरोध प्रदर्शन में शामिल छात्रों ने नारेबाजी करते हुए सरकार से सवाल किया – “आखिर महिलाओं की सुरक्षा कब सुनिश्चित होगी?”
प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी कि अगर इस मामले की जांच निष्पक्ष नहीं हुई, तो आंदोलन और तेज़ किया जाएगा।





















