नई दिल्ली. हेट स्पीच को लेकर देश की शीर्ष अदालत ने आज एक बार फिर केंद्र सरकार को स्पष्ट रूप से कहा कि वह एक कमेटी बनाए जो देशभर में हेट स्पीच के मामलों की निगरानी करे क्योंकि ऐसे नहीं चलेगा। पत्रकार शाहीन अब्दुल्ला ने इसको लेकर सु्प्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। इसमें शाहीन अब्दुल्ला ने सुप्रीम कोर्ट से केंद्र को निर्देश देने गुजारिश की थी कि वह केंद्र को हेट स्पीच के मामलों में सख्ती बरतने का निर्देश दे।
इस याचिका के मुताबिक हेट स्पीच में समुदाय विशेष के लोगों की हत्या से लेकर उनके आर्थिक और सामाजिक बहिष्कार की बातें हो रही हैं। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को हेट स्पीच के मामलों में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को तत्काल एक्शन लेने का निर्देश दिया। कोर्ट ने कहा कि जब भी कोई नफरत फैलाने वाला भाषण देता है तो सरकारें बिना किसी शिकायत के FIR दर्ज करें। हेट स्पीच से जुड़े मामलों में केस दर्ज करने में देरी होने पर इसे अदालत की अवमानना माना जाएगा।
मामले में अगली सुनवाई 12 मई को होगी। कोर्ट ने कहा- ऐसे मामलों में कार्रवाई करते हुए बयान देने वाले के धर्म की परवाह नहीं करनी चाहिए। इसी तरह धर्मनिरपेक्ष देश की अवधारणा को जिंदा रखा जा सकता है।