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अनिल मिश्र/ रांची 18 फरवरी: आइएसआइएस के संदिग्ध आतंकी फैजान अंसारी को झारखंड के लोहरदगा से एनआईए ने पिछले साल गिरफ्तार किया था।उसकी गिरफ्तारी के बाद एनआईए की जांच में इस बात की पुष्टि हुई थी कि वह भारत के भीतर और विदेश में कार्यरत आतंकी संगठन आइएसआइएस के ऑपरेटिव के संपर्क में था। वह सोशल मीडिया के संपर्क में आकर आइएसआइएस कि विचारधारा को सोशल मीडिया के माध्यम से प्रचारित कर रहा था।वहीं दूसरी ओर एटीएस की जांच में इस बात की पुष्टि हो चुकी है कि आइएसआइएस का संदिग्ध आतंकी आर जी हसनैन सोशल मीडिया के माध्यम से ऑडियो और वीडियो भेजकर जेहाद फैला रहा था। फेसबुक यूजर फैजान खान के बारे में सेंट्रल एजेंसी को इस बात की जानकारी मिली है कि फैजान ने अपने फेसबुक प्रोफाइल में प्रतिबंधित आतंकी संगठन का लोगो इस्तेमाल किया है। फेसबुक यूजर फैजान के फ्रेंडलिस्ट में कुछ मित्र हैं, लेकिन फ्रेंडलिस्ट के एक मित्र ने अपना प्रोफाइल को लॉक कर रखा है। इस वजह से उसके बारे में अधिक जानकारी नहीं मिल सकी है। जबकि फ्रेंडलिस्ट में शामिल अन्य लोग भारत के विभिन्न राज्यों के रहनेवाले लोग हैं।
इंडियन मुजाहिदीन के आतंकी सोशल मीडिया के माध्यम से नेटवर्क बढ़ाने के साथ-साथ एक दूसरे से संपर्क कर रहे हैं।इस बाबत केंद्रीय खुफिया एजेंसी से मिलने के बाद झारखंड पुलिस मुख्यालय के स्पेशल ब्रांच ने एक रिपोर्ट तैयार कर झारखंड की राजधानी रांची, धनबाद, जमशेदपुर सहित राज्य के सभी वरीय पुलिस अधीक्षक के अलावा सभी जिलों के पुलिस अधीक्षक और एटीएस को अलर्ट किया गया है, ताकि सोशल मीडिया पर संदिग्ध लोगों की गतिविधियों पर नजर रखी जा सके।इस सिलसिले में झारखंड प्रदेश स्पेशल ब्रांच की ओर से यह निर्देश भी दिया गया कि ऐसे मामले में जांच कर उचित कार्रवाई की जा जाये। वहीं झारखंड के संथाल परगना क्षेत्र में पं बंगाल के रास्ते बांग्लादेशी घुसपैठियों के कारण आंतकी संगठन को इन क्षेत्रों में फलने फूलने में खाद पानी का काम कर रहा है। जहां बांग्लादेशी घुसपैठ से इस क्षेत्र में लव जिहाद का खतरा पहले से मंडरा रहा था। वहीं आतंकी संगठनों के सोशल मीडिया द्वारा दोस्ती करने से आने वाले समय में राज्य सरकार और पुलिस- प्रशासन को बहुत ही कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा।




















