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हाफलांग (असम)। जनजातीय जिला डिमा हसाउ में झूम खेती से संबंधित नए-नए फसल आदि को उगाने के तौर तरीकों को लेकर एक बृहद् जन जागरण अभियान चलाया गया।
शुक्रवार को यहां आयोजकों ने बताया कि इस अभियान में भाग लेने के लिए नई दिल्ली स्थित नेशनल ब्यूरो ऑफ प्लांट जेनेटिक रिसोर्सेज तथा नेशनल ब्यूरो ऑफ प्लांट जेनेटिक रिसोर्सेज, शिलांग से कई वैज्ञानिक पहुंचे थे। व्यापक पैमाने पर जेनेटिक कृषि को लेकर लोगों को इस दौरान जानकारी दी गई।
इस कार्यक्रम में भाग लेने के लिए डिमा हसाउ जिला के एक सौ से अधिक किसान पहुंचे। यह जन जागरण अभियान जनजातीय तथा पर्वतीय इलाकों में निवास कर रहे जनजातीय लोगों को आर्थिक रूप से समृद्ध बनाने के उद्देश्य से चलाया जा गया। पहाड़ों पर किस प्रकार फसलें लगाई जाए। कौन सी फसल झूम खेती के लिए बेहतर है। किस खेती से किसानों को अधिक लाभ प्राप्त होंगे आदि विभिन्न आयामों पर इस दौरान प्रकाश डाला गया।
इसका आयोजन राज्य के डिमा हसाउ जिला में मेघालय के उमियाम स्थित आईसीएआर-एनबीपीजीआर रिजनल स्टेशन तथा डिमा हसाउ कृषि विज्ञान केंद्र के संयुक्त तत्वावधान में किया गया। केशव स्मारक न्यास के तहत डिमा हसाउ जिला के हारंगाजाओ प्रखंड के मियुंगख्रो गांव में इसका आयोजन किया गया।
इस कार्यक्रम में कई विभागीय पदाधिकारियों, वैज्ञानिकों के साथ ही पशुपालन विभाग के प्रोग्राम असिस्टेंट डॉ मनोरंजन सिंह, रश्मिता सैकिया समेत कई विशिष्ट लोगों ने भाग लिया। इस आयोजन से डिमा हसाउ क्षेत्र के जनजातीय किसानों को काफी लाभ मिल सकेगा।