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ट्रेन यात्रा में अक्सर जल्दबाजी या अनजाने में यात्री अपना सामान ट्रेन में भूल जाते हैं। ऐसे में सामान खो जाने की चिंता और उसे वापस पाने की उम्मीदें कम हो जाती हैं। लेकिन अब भारतीय रेलवे ने यात्रियों के लिए एक महत्वपूर्ण पहल की शुरुआत की है – मिशन अमानत। इस सेवा के जरिए यात्री ट्रेन में छूटा हुआ सामान आसानी से वापस पा सकते हैं।
क्या है ‘मिशन अमानत’ सेवा?
भारतीय रेलवे की ओर से शुरू की गई मिशन अमानत एक नई सेवा है, जिसके तहत रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) ट्रेन में छूटे हुए सामान की देखरेख और सुरक्षित वापसी की जिम्मेदारी लेती है। आरपीएफ को जब भी कोई छूटा हुआ सामान मिलता है, तो वे उस सामान की फोटो और पूरी जानकारी लेकर इसे पश्चिम रेलवे की वेबसाइट www.wr.indianrailways.gov.in पर अपलोड कर देते हैं। इस वेबसाइट पर यात्री आसानी से अपने सामान की पहचान कर सकते हैं और उसे वापस प्राप्त कर सकते हैं।
कैसे मिलता है छूटा हुआ सामान?
1. आरपीएफ में शिकायत दर्ज करें: यदि आपका सामान ट्रेन में छूट जाता है, तो सबसे पहले नजदीकी स्टेशन पर रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) से संपर्क करें। आप आरपीएफ थाने में जाकर औपचारिक रूप से शिकायत भी दर्ज करा सकते हैं।
2. सामान की खोज: आरपीएफ आपकी शिकायत के आधार पर आपके छूटे हुए सामान की खोज करती है। अगर सामान मिल जाता है, तो उसे नजदीकी आरपीएफ थाने में जमा किया जाता है और इसकी जानकारी रेलवे की वेबसाइट पर अपलोड कर दी जाती है।
3. वेबसाइट पर चेक करें: मिशन अमानत के तहत, आरपीएफ द्वारा आपके सामान की फोटो और विवरण वेबसाइट पर उपलब्ध कराया जाता है। यात्री www.wr.indianrailways.gov.in पर जाकर ‘Passenger and Freight Services’ टैब के अंतर्गत मिशन अमानत पर क्लिक कर सकते हैं और वहां संबंधित रेल मंडल चुनकर अपने सामान की पहचान कर सकते हैं।
4. प्रमाण दिखाकर सामान वापस लें: अगर आपको वेबसाइट पर अपने सामान की पहचान हो जाती है, तो आप संबंधित रेल मंडल से संपर्क कर सकते हैं। सामान प्राप्त करने के लिए आपको अपनी पहचान और अन्य प्रमाण (जैसे टिकट, आधार कार्ड आदि) प्रस्तुत करने होंगे, जिससे यह साबित हो सके कि सामान आपका ही है।
क्या होता है सामान का?आरपीएफ द्वारा ट्रेन में छोड़े गए सामान को पूरी तरह सुरक्षित रखा जाता है। अगर सामान कीमती होता है, जैसे कि सोने के गहने या अन्य मूल्यवान वस्तुएं, तो इसे अधिकतम 24 घंटे तक ही स्टेशन पर रखा जाता है। 24 घंटे के बाद यह सामान रेलवे के जोनल ऑफिस में भेज दिया जाता है।जो सामान कम मूल्य का होता है, उसे तीन महीने तक आरपीएफ थानों में सुरक्षित रखा जाता है। इस दौरान अगर कोई भी यात्री इसे लेने नहीं आता, तो सामान की नीलामी की प्रक्रिया शुरू हो सकती है। हालांकि, रेलवे की पूरी कोशिश रहती है कि सामान उसके सही मालिक तक पहुँच जाए।
कैसे करें सही प्रक्रिया का पालन?
1. जब भी आपका सामान ट्रेन में छूट जाए, तुरंत नजदीकी स्टेशन की आरपीएफ को सूचित करें।
2. आरपीएफ थाने में जाकर शिकायत दर्ज कराएं।
3. सामान की खोज के बाद वेबसाइट पर जाकर मिशन अमानत के तहत अपने सामान की जानकारी देखें।
4. प्रमाण दिखाकर अपने सामान को वापस प्राप्त करें।
यह सेवा क्यों है खास?मिशन अमानत सेवा यात्रियों के लिए बड़ी राहत साबित हो रही है, क्योंकि इसके जरिए वे अपना कीमती सामान खोने के बाद भी वापस पा सकते हैं। यह सेवा न केवल भारतीय रेलवे के प्रति यात्रियों का विश्वास बढ़ाती है, बल्कि उन्हें सुरक्षा और भरोसा भी देती है कि उनका सामान सुरक्षित हाथों में है।
इस पहल का उद्देश्य यात्रियों को यह आश्वासन देना है कि वे अपने सामान को लेकर चिंतित न हों और बिना किसी हिचक के शिकायत करें। हर सामान, चाहे वह बड़ा हो या छोटा, रेलवे सुरक्षा बल की निगरानी में रहता है और उसे उसके सही मालिक तक पहुंचाने की हरसंभव कोशिश की जाती है।
यात्रियों को रेलवे की सलाह: अगर आपका सामान कभी भी ट्रेन में छूट जाए, तो जल्द से जल्द शिकायत दर्ज करें। इससे आपका सामान सुरक्षित रूप से वापस मिल सकता है।
संपर्क जानकारी:रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) वेबसाइट: www.wr.indianrailways.gov.in
भारतीय रेलवे के मिशन अमानत के तहत, अपने सामान की सुरक्षा का आश्वासन पाएं और बिना किसी चिंता के अपनी यात्रा का आनंद लें!