बड़खोला विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत डलू रामपुर चाय बागान के 10 नंबर सेक्शन में इन दिनों एक आदमखोर बाघ का आतंक छाया हुआ है। बीते दो दिनों से बाघ की लगातार मौजूदगी से इलाके के चाय बागान श्रमिकों और स्थानीय नागरिकों में भय और चिंता का माहौल है।
अब तक इस बाघ ने एक किसान की गाय, एक महिला की गाय, और एक अन्य व्यक्ति की बकरी को अपना शिकार बना लिया है। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, बाघ ने गाय के गले में काटकर उसका रक्त चूस लिया, जिससे पूरे इलाके में दहशत फैल गई है।
चाय बागान के मजदूर बाघ के डर से बागान में काम करने जाने से कतरा रहे हैं। कुछ स्थानों पर बागान प्रबंधन ने सुरक्षा कर्मियों की निगरानी में चाय पत्तियां तुड़वाई हैं, जबकि कई इलाकों में मजदूरों ने जान के डर से काम पर जाने से इनकार कर दिया है।
घटना की जानकारी मिलते ही वन विभाग सक्रिय हो गया है। रेंज अधिकारी कबीन्द्र होजाइ के नेतृत्व में वन विभाग और वन्यजीव संरक्षण दल के सदस्य बाघ को पकड़ने के लिए अभियान चला रहे हैं। जगह-जगह लोहे के पिंजरे लगाए गए हैं, जिनमें बकरी को चारा बनाकर बाघ को फंसाने की कोशिश की जा रही है। हालांकि, दो दिनों के प्रयास के बावजूद बाघ अब तक पकड़ में नहीं आया है।
स्थानीय नागरिकों ने प्रशासन से अपील की है कि इस खूंखार बाघ को जल्द से जल्द पकड़ा जाए, ताकि क्षेत्र में व्याप्त डर का माहौल समाप्त हो और सामान्य जनजीवन पटरी पर लौट सके।
“हम काम पर कैसे जाएं, जब हर झाड़ी से खतरा मंडरा रहा है? हम अपने बच्चों को भी बाहर नहीं निकलने दे रहे,” – एक स्थानीय महिला श्रमिक।
“वन विभाग से अनुरोध है कि बाघ को जल्द पकड़कर इलाके को भयमुक्त किया जाए,” – स्थानीय ग्राम प्रधान।
स्थिति पर वन विभाग की निगरानी बनी हुई है और हर संभव प्रयास किया जा रहा है। परंतु जब तक यह आतंकी बाघ पकड़ा नहीं जाता, तब तक डलू रामपुर और आसपास के इलाके भय के साये में ही रहेंगे।





















