मुंह सूखना, जल्दी जल्दी पेशाब आना और प्यास ज्यादा लगना ये सभी डायबिटीज के लक्षण हैं जिन्हें लोग शुरुआत में नजरअंदाज कर देते हैं पर जैसे जैसे बीमारी बढ़ती जाती है इसके गंभीर परिणाम आने शुरू हो जाते हैं|
आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में हम लोग छोटी- मोटी समस्याओं को नजरअंदाज करते जाते हैं क्यूंकि हमारे पास समय कम है और काम बहुत ज्यादा, पैसा भी कमाना है और घर परिवार भी चलाना है| ऐसे में हम अपने स्वास्थ्य की ओर बिल्कुल भी ध्यान नहीं देते|
डायबिटीज के लक्षण “डायबिटीज” की बीमारी होने के काफी पहले ही दिखने शुरू हो जाते हैं अगर इनको समय रहते पहचान लिया जाए तो शुरुआत में ही डायबिटीज को जड़ से खत्म भी किया जाता है परन्तु अगर डायबिटीज एकबार बढ़ गयी तो जीवनभर ये साथ नहीं छोड़ती|
डायबिटीज के लक्षण ज्यादातर 35 साल की उम्र के बाद दिखने शुरू हो जाते हैं| इस उम्र में होने वाली डायबिटीज 90% “Type 2 Diabetes” ही होती है तो पहले हम टाइप 2 डायबिटीज के लक्षणों को ही जानते हैं –
TYPE 2 DIABETES KE LAKSHAN
बार बार पेशाब आना
डायबिटीज में व्यक्ति के रक्त में ग्लूकोज की मात्रा जरुरत से अधिक हो जाती है| यह ग्लूकोज जब रक्त के प्रवाह में अवरोध पहुँचाने लगती है तो हमारा शरीर फालतू ग्लूकोज को पेशाब के रास्ते बाहर निकालने लगता है| इसलिए व्यक्ति को बार बार पेशाब आने की शिकायत होने लगती है|
प्यास अधिक लगना
जब व्यक्ति बार बार पेशाब करने जाता है तो उसके शरीर में पानी की कमी हो जाती है जिसकी वजह से व्यक्ति को बार बार तेज प्यास लगती है| अब बार-बार पानी पीना और फिर से बार-बार पेशाब जाना ऐसा क्रम बन जाता है|
धुंधला दिखाई देना
जब ग्लूकोज बढ़ने लगती है तो वह व्यक्ति की आँखों के रेटिना को भी प्रभावित करती है जिसकी वजह से रोगी को सब कुछ धुंधला दिखने लगता है| हालाँकि कुछ समय बाद जब ग्लूकोज का स्तर नार्मल हो जाता है तो फिर से साफ़ दिखने लगता है| कभी साफ़ तो कभी धुंधला दिखना डायबिटीज की निशानी है|
अत्यधिक भूख लगना
व्यक्ति जब भोजन करता है और भोजन खाने के फलस्वरूप शरीर में ग्लूकोज बनने लगता है| डायबिटीज के रोगी के शरीर में इन्सुलिन बहुत कम मात्रा में बनता है और यही इन्सुलिन ग्लूकोज को एनर्जी में बदलकर मांसपेशियों को एनर्जी देता है| परन्तु डायबिटीज में इन्सुलिन कम होने के कारण ग्लूकोज पूरी तरह एनर्जी में परिवर्तित नहीं हो पाती और व्यक्ति की मांसपेशियां भूखी ही रह जाती हैं|
इस वजह से पेट भरकर भोजन करने के बाद भी व्यक्ति को तेज भूख लगती रहती है|
घावों का ना भरना
डायबिटीज में व्यक्ति के शरीर की प्रतिरोधक क्षमता काफी कम होने लगती है| इस वजह से शरीर पर छोटी सी खरोंच भी लग जाये तो वह जल्दी ठीक नहीं होती और बड़े घाव में बदल जाती है| पैर या घुटने में चोट लग जाए तो महीनों तक सही नहीं होती है| घावों का जल्दी ना भरना डायबिटीज की पहचान है|
दिनभर थकान
डायबिटीज में व्यक्ति को दिनभर थकान सी महसूस होती रहती है| सुबह सोकर उठने के बाद भी तरोताजा महसूस नहीं होता ऐसा लगता है कि जैसे बहुत कड़ी मेहनत की हो और पूरा बदन टूट रहा है| ऐसे में ऑफिस में काम करना बहुत मुश्किल हो जाता है| शुरुआत में लोग सोचते हैं कि काम की थकान होगी लेकिन थकान जब लगातार रहे तो उसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए|
हमेशा नींद और आलस्य आना
व्यक्ति को हमेशा शरीर में आलस का अनुभव होता है| ऐसा इसलिए होता है क्यूंकि डायबिटीज में व्यक्ति के रक्त का प्रवाह खराब हो जाता है जिसकी वजह से शरीर के अंगों में सुस्ती बनी रहती है|
काम करने में मन नहीं लगता| रात भर सोने के बाद भी दिनभर नींद सी आती रहती है ये सब डायबिटीज के लक्षण हैं|
पूरे बदन दर्द में दर्द
डायबिटीज में व्यक्ति पूरे शरीर में दर्द बना रहता है| यह दर्द खासकर कमर और पैरों में होता है, व्यक्ति के पाँव हमेशा बुरी तरह थके रहते हैं| कहीं आने जाने का मन नहीं करता, ये सब डायबिटीज की पहचान हैं|
अत्यधिक वजह घटना
हमने आपको ऊपर विस्तार से बताया था कि डायबिटीज में व्यक्ति की मांसपेशियां भूखी रह जाती हैं और उनको पूरी एनर्जी नहीं मिल पाती इस वजह से व्यक्ति का वजन घटने लगता है और उसकी कार्य करने की क्षमता में भी कमी आ जाती है| इसके विपरीत कुछ लोगों का वजन तेजी से अचानक बढ़ने भी लगता है ये भी डायबिटीज की पहचान है|
हाथ पैरों का सुन्न होना
डायबिटीज में रक्त का प्रवाह खराब होने की वजह से हाथ पैरों में कभी भी झन्नाहट या सुन्नता का अनुभव होने लगता है| ऐसा इसलिए होता है क्यूंकि रक्त का मार्ग अवरुद्ध हो रहा है|
पैरों का कांपना
डायबिटीज से पीड़ित व्यक्ति की मांसपेशियों को उतनी एनर्जी नहीं मिल पाती जितनी कि मिलनी चाहिए इसलिए कई बार बिना वजह पैर कांपने लगते हैं| ऐसा ज्यादातर तब होता है जब व्यक्ति ने काफी देर से भूखा हो|
हमेशा तबियत खराब रहना
रक्त में ग्लूकोज का बढ़ना बहुत खतरनाक होता है क्यूंकि यह एक के बाद एक करके शरीर के सारे अंगों की कार्य क्षमता को प्रभावित करता जाता है| व्यक्ति के शरीर में रोगों से लड़ने की क्षमता कम होती जाती है इस वजह ये व्यक्ति अक्सर ही बिमारियों की चपेट में बना रहता है| कभी बुखार, तो कभी दर्द आदि हमेशा तबियत खराब ही रहती है|
TYPE 1 DIABETES KE LAKSHAN
टाइप 1 डायबिटीज की समस्या ज्यादातर बच्चों और किशोरों में ही पायी जाती है| बच्चा जब माँ के पेट में होता है तब माँ के गलत खानपान की वजह से बच्चे को टाइप 1 डायबिटीज हो सकती है| आइये इसके लक्षण जानते हैं –
मुंह से गंध आना
बच्चे का समय – समय पर चेकअप कराते रहें| टाइप 1 डायबिटीज में बच्चे में मुंह से फलों के जैसी गंध आने लगती है| इसको नजरअंदाज ना करें|
त्वचा सूखना
हमेशा त्वचा सूखी -सूखी सी रहती है| हाथ पैर और होंठ भी सूखे रहने लगते हैं|
हाथ पैरों का कांपना
इस डायबिटीज में भी व्यक्ति के हाथ पैर बिना वजह कांपने लगते हैं|
आलस्य
बच्चों में हमेशा आलस्य बना रहता है| खेलकूद और पढाई किसी में भी उनका मन नहीं लगता|
आखों का कमजोर होना
बच्चों को अक्षर पहचानने में दिक्कत होती है और छोटी उम्र में ही काफी धुंधला दिखने लगता है|
बार बार पेशाब आना और प्यास लगना
बच्चे को पानी पीने के बावजूद भी तेज प्यास लगती है और बार बार पेशाब करने की समस्या होने लगती है|
सांस लेने में दिक्कत
डायबिटीज व्यक्ति के हार्ट पर बड़ा नकारात्मक असर डालती है इससे बच्चों को सांस लेने में तकलीफ की शिकायत होने लगती है|
कमजोरी और वजन कम होना
अत्यधिक खाने के बाद भी व्यक्ति को अंदर से बहुत कमजोरी महसूस होती है और वजन घटने लगता है|
टाइप 1 डायबिटीज में व्यक्ति के शरीर में इन्सुलिन का बनना बिल्कुल बंद हो जाता है| इसके बाद व्यक्ति को इन्सुलिन की गोली या इंजेक्शन लेने पड़ते हैं| यह बीमारी जीवनभर व्यक्ति के साथ ही रहती है| डायबिटीज को जड़ से खत्म नहीं किया जा सकता इसे सिर्फ कण्ट्रोल किया जा सकता है