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ईश्वर दर्शन के लिए पूर्ण संत की आवश्यकता – साध्वी पद्महस्ता भारती
डिब्रूगढ़, 26 दिसंबर 2023 , संदीप अग्रवाल
धार्मिक एवम सामाजिक संस्था दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान द्वारा डिब्रूगढ़ की माईजान रोड, पल्टन बाजार स्थित काली मंदिर परिसर में जारी पांच दिवसीय श्री हनुमान कथा के तृतीय दिवस पर डिब्रूगढ़ के विधायक प्रशांत फुकन अतिथि स्वरूप कथा में पहुंचे और दीप प्रज्वलित किया | आज तीसरे दिन की कथा सुनाते हुए व्यासपीठ से साध्वी पद्महस्ता भारती जी ने सुंदरकांड पाठ के महत्व पर प्रकाश डालते हुए हनुमान जी की महिमा गाई | आज से कथा में सुंदरकांड प्रसंग शुरू हुआ | आगे साध्वी जी ने बताया कि मानव जीवन का उद्देश्य भगवान को पाना है, और इसके लिए उसे एक पूर्ण सतगुरु की आवश्यकता है | जिसके बारे में गोस्वामी तुलसीदास जी श्रीरामचरितमानस में कहते हैं-
गुरु बिन भव निधि तरइ न कोई, जो बिरंची शंकर सम होई ||
अर्थात चाहे कोई ब्रह्मा जितनी शक्ति अर्जित कर संसार का निर्माण ही क्यों न कर दे या फिर भगवान शंकर के समान शक्ति प्राप्त सृष्टि को विध्वंस ही क्यों न कर दे | फिर भी गुरु के बिना संसार रुपी भवसागर से पार नही हो सकता | साध्वी जी ने स्पष्ट रूप से सतगुरु की परिभाषा देते हुए कहा कि सतगुरु यानि जो ईश्वर की केवल बाते न करे बल्कि उसका साक्षात्कार करवाए उसके प्रकाश रूप का घट के भीतर दर्शन करवाए | संत कबीर दस जी भी गुरु की प्रमाणिकता पर प्रकाश डालते हुए कहते हैं –
” गुरु गोविन्द दोउ खड़े काके लागु पाए , बलिहारी गुरु आपने जिन गोविन्द दियो मिलाए || “
कि मै ऐसे गुरु के चरणों में बलिहार जाता हूँ जिन्होंने मुझे गोविन्द अर्थात ईश्वर से मिला दिया | ईश्वर से मिलने के लिए गुरु अनिवार्य है|
कथा मे साध्वी गीतिका भारती, ममता भारती, आकांक्षा भारती जी ने भजनों की रसधारा बहाई। कथा का समापन प्रभु की पावन आरती से किया गया।