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श्री दिगम्बर जैन मन्दिर, ग्राहम बाजार, डिब्रूगढ़ में गत 17 अक्टूबर से शुरू हुए ऐतिहासिक श्री श्री सिद्धचक्र महामंडल विधान एवं ज्ञान, ध्यान, तप महायज्ञ का मंगल समापन हवन व विश्व शांति महायज्ञ रिद्धि मन्त्रो से पूर्णाहुति- विसर्जन तथा आकर्षक शोभायात्रा एवं भगवान को बेदी में विराजमान से समापन से पूर्ण हुवा। आचार्य गुरुवर श्री १०८ महामुनिराज विरागसागर जी महाराज के आशीर्वाद तथा गुरुमां श्री १०५ विंध्यश्री माताजी ससंघ के आशीर्वाद से और बनारस, उत्तर प्रदेश से आमंत्रित विधानाचार्य पण्डित डॉ. कमलेश जी शास्त्री जी के निर्देशानुसार यह विधान आठवे दिन दिनांक २४ अक्टूबर, २०२१, रविवार को समापन हुवा। इस अवसर पर सकल डिब्रूगढ़ जैन समाज सदस्यों के साथ ही तिनसुकिया, डिमापुर, ढकुवाखाना, मोरान, टिहू, महरौली (उत्तर प्रदेश) आदि अनेक शहरों से अनेक श्रद्धालुगण विधान परिसर में उपस्थित थे।
आज मन्दिर जी में जिनाभिषेक के पश्चात गुरुमां के सान्निध्य में प्रातः ६.३१ बजे विधान परिसर में विराजमान पार्श्वनाथ भगवान की शांतिधारा सम्पन्न हुई। इसके पुण्यार्जन थे डिमापुर के मेसर्स भवरीलाल पुखराज छाबड़ा परिवार। गुरुमां का पादप्रक्षालन का सौभाग्य मिला मेसर्स रिद्धकरण अमरचंद पाटनी परिवार को। गुरुमां को शास्त्रजी भेंट करने का सौभाग्य मिला मेसर्स हीरालाल चिरंजीलाल सेठी परिवार को।
विधान के अंतर्गत विधान पूजन, विधान समापन, शास्त्र पूजन, गुरु पूजन आदि कार्यक्रम गुरुमां के सान्निध्य में पूरे हुवे। इसके बाद कलश बोलियाँ शुरू हुई।
मंगल कलश प्राप्त करने वाले पुण्यार्जक बने मेसर्स सुन्दरमल राजकुमार झांझरी( दत्ता बागान ) , मंडल में चार कोनो के कलश प्राप्त कर्ता पुण्यार्जक बने क्रमश रिद्धकरण अमरचंद पहाड़िया, मेसर्स कमलचंद सरोज कुमार, शैलेश कुमार पहाड़िया, मेसर्स गुलाबचंद अनिल कुमार रारा, मेसर्स सोहनलाल ताराचंद गोधा परिवार। महामंडल विधान के जाप कलश के पुण्यार्जक परिवार बनें मेसर्स गोपीलाल महेश कुमार झाँझरी। इसके पश्चात सभी इंद्रों, ध्वजारोहण कर्ता, मंडप उद्घाटन कर्ता, दीप प्रज्वलन कर्ता को समाज द्वारा तिलक लगाकर, माला पहनाकर, दुपट्टा पहनाकर स्वागत किया गया। इसके बाद गुरुमां का आर्शीवचन प्राप्त हुआ।
इसके बाद गाजे बाजे के साथ भगवान को पालकी में विराजमानकर, रंगारंग जुलुश निकाला गया जो ग्राहम बाजार के प्रमुख मार्गों से होते हुवे मन्दिर जी की बाहर से परिक्रमा लगाकर मंदिर परिसर पहुंचा। इसमे गुरुमां संघ के साथ, समाज के पुरुष, महिला, युवा वर्ग बड़ी संख्या में शामिल हुवे। समाज द्वारा समाज बंधुओं और बाहर से पधारे अतिथियों के लिए भोजन की व्यवस्था की गई थी। इसके पश्चात पालकी से भगवान को उतारकर मस्तक पर धारण कर मंदिर लाया गया तथा शांतिधारा कर भगवान को मन्दिरजी की वेदी पर विराजमान किया गया। माताजी संघ के आजीवन संघपति डिमापुर समाज के प्रदीप झाँझरी ने गुरुमां से आशीर्वाद लेकर समाज को संबोधित किया। उन्होंने डिब्रूगढ़ समाज के सहयोग, स्नेह, समर्पण हेतु उनकी अनुमोदना की। पंडित डॉ कमलेश जी शास्त्री ने भी सभा को संबोधित किया।
कार्यक्रम के अंत में समाज अध्यक्ष प्रसन्न कुमार पाटनी गुरुमां पावन वर्षायोग समिति के अध्यक्ष सुभाष बगड़ा, संयोजक सरोज पहाड़िया ने समाज बसन्धुओं को उनके सहयोग हेतु धन्यवाद ज्ञापन किया।
यह जानकारी समाज के प्रचार सचिवद्वय डॉ महेश कुमार झाँझरी, एवं पंकज गोधा ने एक प्रेस विज्ञप्ति द्वारा दी है।