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डीडीयू अस्पताल की नर्सिंग स्टाफ को 24 घंटे डिजिटल अरेस्ट कर 7 लाख ठगे, ऑनलाइन ठगी नेटवर्क

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नई दिल्ली: विभिन्न एजेंसियों द्वारा लगातार जागरुकता अभियान चलाए जाने के बाद भी साइबर अपराध की घटनाएं रुकने का नाम नहीं ले रही हैं। ताजा मामले में डीडीयू अस्पताल की एक नर्सिंग स्टाफ को 24 घंटे डिजिटल अरेस्ट कर साइबर अपराधियों ने उनके खाते से 7 लाख रुपये ट्रांसफर करवा लिए। साइबर अपराधियों के चंगुल में फंसकर मानसिक प्रताडना व भय का माहौल झेल चुकी महिला की शिकायत पर वेस्ट जिला साइबर क्राइम थाना पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है। मामले की जांच की जा रही है।

पुलिस में दर्ज शिकायत के अनुसार देबजानी दास चौधरी (52) डीडीयू अस्पताल के नर्सिंग विभाग में काम करती हैं। वह अपने परिवार के  साथ हरि नगर स्थित अस्पताल के आवासीय परिसर में रहती हैं। उन्हें 18 जुलाई की शाम करीब 5 बजे एक कॉल आया। फोन कर्ता ने खुद को टेलीकाम विभाग का कर्मचारी बताया। उसने कहा कि देबजानी के आधार कार्ड का दुरुपयोग हो रहा है। किसी व्यक्ति ने उनके आधार कार्ड से एक फोन नंबर जारी करवाया है। उसने आधार कार्ड ब्लैकलिस्ट होने की धमकी देकर देबजानी को शिकायत के लिए मुंबई क्राइम ब्रांच का एक फोन नंबर देकर कॉल काट दी।

देवजानी का कहना है कि 24 घंटे तक जालसाजों की निगरानी में रहने के दौरान वह बुरी तरह भयभीत हो गई थीं। ठगी का अहसास होने पर उन्हें शिकायत दर्ज कराई। उनकी शिकायत पर साइबर थाना पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पुलिस उन नंबरों की जांच कर रही है जिनसे कॉल किया गया था। इसके अलावा बंधक बैंक के उस खाते के संबंध में भी जानकारी जुटाई जा रही है जिसमें उनसे रुपए ट्रांसफर करवाए गए।

आरोपी वाट्सएप पर वीडियो कॉल में वर्दी पहने दिखा

इसके बाद देबजानी के पास एक नंबर से व्हाट्सएप वीडियो कॉल आया। कॉल उठाने पर दूसरी तरफ पुलिस की वर्दी पहने एक व्यक्ति नजर आया। उसने खुद को मुंबई क्राइम ब्रांच का अधिकारी बताकर कुछ सेकंड बाद कैमरा बंद कर दिया। उस व्यक्ति के हावभाव पूरी तरह पुलिस वालों की तरह थे। यह देखकर देबजानी बुरी तरह डर गईं।
नरेश गोयल मनी लॉन्ड्रिंग केस का हवाला देकर बनाया दबाव
खुद को क्राइम ब्रांच अफसर बताने वाले व्यक्ति ने महिला को नरेश गोयल का फोटो भेजा। उसने कहा कि नरेश गोयल के मनी लॉन्ड्रिंग केस में उनका हाथ है। महिला ने खुद क्राइम ब्रांच से संपर्क किया है तो उनके साथ सहयोग किया जाएगा। मगर, उन्हें 24 घंटे क्राइम ब्रांच की निगरानी में रहना होगा ताकि उनसे केस के बारे में पूछताछ की जा सके।

सीबीआई वारंट व ईडी नोटिस की कॉपी भेजकर डराया

इसके बाद देबजानी की मानसिक प्रताडना का दौर शुरू हुआ। पुलिस की वर्दी में नजर आ रहे व्यक्ति ने कहा कि उनका फोन टेप किया जा रहा है। निगरानी में हो रही पूछताछ के दौरान उन्हें किसी से संपर्क करने से भी मना किया गया। इस दौरान उन्हें सीबीआई के वारंट, सुप्रीम कोर्ट के आदेश की कॉपी तथा ईडी के नोटिस भेजकर गिरफ्तारी का डर दिखाया गया।

किसी को कुछ बताने पर दी पति की हत्या की धमकी

देबजानी को कहा गया कि निगरानी के दौरान वह सोशल मीडिया का भी प्रयोग नहीं करेंगी। यहां तक कि उन्हें पति से बात करने से भी मना किया गया। पुलिस की वर्दी पहने व्यक्ति ने कहा कि वह अगर उनका कहना नहीं मानेंगी तो उनके पति की हत्या तक कराई जा सकती है। यह सुनकर महिला बुरी तरह डर गई और किसी को कुछ नहीं बताया।

बंधन बैंक के खाते में ट्रांसफर करवाए 7 लाख रुपए

लगातार 24 घंटे तक जालसाजों की निगरानी में रही देबजानी से उनके बैंक खातों में जमा रकम के बारे में पूछा गया। इसके बाद उनसे एक पत्र भी लिखवाया गया। इससे वह तनाव में आकर पूरी तरह उनके चंगुल में फंस गईं। देबजानी से कहा गया उनके बैंक खाते को रिजर्व बैंक बंद करने जा रहा है। ऐसे में वह अपने खाते की धनराशि उनके बताए खाते में ट्रांसफर कर दें जांच के बाद वह धनराशि उन्हें लौटा दी जाएगी। अगले दिन देबजानी ने अपनी बैंक जाकर खाते में मौजूद जमापूंजी 7 लाख रुपये फोन कर्ता द्वारा बताए गए बंधन बैंक के एक खाते में 7 लाख रुपए ट्रांसफर करवा दिए।

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