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डॉ. सुजीत तिवारी बने महिला महाविद्यालय शिलचर के नए प्राचार्य

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प्रे.स. शिलचर, 6 दिसंबर: शिक्षा के क्षेत्र में अपनी अनूठी पहचान बनाने वाले प्रसिद्ध शिक्षाविद और राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित शिक्षक डॉ. सुजीत तिवारी ने महिला महाविद्यालय शिलचर के प्राचार्य का पदभार संभाल लिया है। करीमगंज कॉलेज में भौतिकी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर और आईक्यूएसी के संयोजक के रूप में अपनी बेहतरीन सेवाएं देने के बाद, डॉ. तिवारी ने शुक्रवार को महाविद्यालय में प्राचार्य का कार्यभार ग्रहण किया।
डॉ. तिवारी ने यह प्रभार शिक्षा विभाग के सहायक प्राध्यापक डॉ. शांतनु दास से ग्रहण किया, जो अब तक प्राचार्य (प्रभारी) के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे थे। महिला महाविद्यालय के इतिहास में  10वें स्थायी प्राचार्य हैं।
महाविद्यालय के संकाय सदस्यों, छात्र संघ प्रतिनिधियों और कार्यालय कर्मचारियों ने डॉ. तिवारी का जोरदार स्वागत किया और उन्हें सम्मानित किया। कार्यभार संभालने के बाद, उन्होंने शिक्षकों और कर्मचारियों के साथ बैठक की और महाविद्यालय के विकास और नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने के लिए उनके सहयोग का आग्रह किया।
“छात्राओं का  उज्जवल भविष्य ही देश का भविष्य को उज्जवल करने मे सहायक  होगा ”
अपनी जिम्मेदारी पर बोलते हुए, डॉ. तिवारी ने कहा, “महिला महाविद्यालय जैसे संस्थान केवल शिक्षा प्रदान करने वाले संस्थान नहीं हैं, बल्कि ये राष्ट्र निर्माण के आधार हैं। समाज का विकास महिलाओं पर निर्भर करता है, और मैं गर्व महसूस करता हूं कि मुझे इस प्रतिष्ठित महाविद्यालय की सेवा का अवसर मिला है। मेरी प्राथमिकता छात्रों को गुणवत्ता शिक्षा और नैतिक मूल्यों के साथ तैयार करना है ताकि वे समाज और देश के लिए महत्वपूर्ण योगदान दे सकें।”
डॉ. तिवारी ने जानकारी दी कि महाविद्यालय जल्द ही राष्ट्रीय मूल्यांकन और प्रत्यायन परिषद (NAAC) की प्रक्रिया में भाग लेने वाला है। उन्होंने कहा, “हमारे पास उत्कृष्ट शिक्षक, मेहनती कर्मचारी और प्रतिभाशाली छात्र हैं। मैं विश्वास करता हूं कि हम सभी के सहयोग से इस मूल्यांकन में शानदार प्रदर्शन करेंगे और महाविद्यालय को नई पहचान दिलाएंगे।”
डॉ. तिवारी ने यह भी कहा कि वह छात्रों के साथ हर महीने संवाद करेंगे ताकि उनकी समस्याओं को समझ सकें और उनकी शिक्षा में सुधार के लिए जरूरी कदम उठा सकें। उन्होंने कहा, “मेरा सपना है कि इस महाविद्यालय को देश के शीर्ष शिक्षण संस्थानों में शामिल करूं और यह केवल टीमवर्क और दृढ़ संकल्प के साथ ही संभव है।”
डॉ. तिवारी, काछार जिले के बड़र्थल चाय बागान के श्री हरिनारायण तिवारी और स्वर्गीय विद्यादेवी तिवारी के पुत्र हैं। उनका शैक्षणिक कैरियर हमेशा शानदार रहा है। उन्होंने कई प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय पत्रिकाओं में शोध प्रकाशित किए हैं और स्वतंत्रता संग्राम व ‘मुल्क चलो आंदोलन’ पर भी महत्वपूर्ण शोध कार्य किया है।
महिला महाविद्यालय शिलचर, जो 1963 से महिला शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभा रहा है, अब डॉ. तिवारी के नेतृत्व में नए कीर्तिमान स्थापित करने की दिशा में अग्रसर है। छात्रों, शिक्षकों और कर्मचारियों में उनके नेतृत्व को लेकर उत्साह और उम्मीद का माहौल है।

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