नई दिल्ली, 28 जून। तमिलनाडु विधानसभा ने शुक्रवार को सर्वसम्मति से राष्ट्रीय पात्रता और प्रवेश परीक्षा (नीट) के खिलाफ एक प्रस्ताव पारित किया, जिसमें केंद्र सरकार से नीट को खत्म करने और राज्य सरकारों को नीट से पहले कक्षा 12 के अंकों के आधार पर मेडिकल प्रवेश लेने की अनुमति देने का आग्रह किया गया। नीट -यूजी 2024 परीक्षा में पेपर लीक और नीट -पीजी 2024 परीक्षा के अचानक स्थगित होने पर हंगामे के बीच तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने यह प्रस्ताव पेश किया जो सर्वसम्मति से पारित हो गया।
विधानसभा में पेश इस प्रस्ताव का सर्मथन मनिथानेया मक्कल काची, मरुमलारची द्रविड़ मुनेत्र कड़गम, तमिलगा वेट्री कड़गम और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) सहित कई क्षेत्रीय दलों ने किया। इससे पहले गुरुवार को द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) सांसद के. कनिमोझी ने मेडिकल प्रवेश के लिए राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) द्वारा आयोजित नीट से तमिलनाडु को “छूट” देने की मांग की थी। कनिमोझी ने दिल्ली में मीडिया से बातचीत में कहा कि तमिलनाडु लगातार कह रहा है कि हम नीट नहीं चाहते हैं। अब यह साबित हो गया है कि नीट निष्पक्ष परीक्षा नहीं है और नीट के कारण छात्रों को बहुत नुकसान हो रहा है।
इस प्रस्ताव पर भाजपा विधायक और पार्टी की महिला मोर्चा की अध्यक्ष वनथी श्रीनिवासन ने कहा कि केन्द्र सरकार नीट में किसी भी अनियमितता पर कार्रवाई करने के लिए तैयार है। राज्य में अवैध रेत खनन और अन्य वास्तविक मुद्दों से ध्यान हटाने के लिए डीएमके और गठबंधन दल नीट पर प्रस्ताव पारित कर रहे हैं। कल विधानसभा में अवैध रेत खनन के मुद्दे पर एक ध्यानाकर्षण प्रस्ताव दिया था, हम इस पर एक श्वेत पत्र की मांग कर रहे हैं लेकिन सरकार इसकी अनुमति नहीं दे रही है।