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तिनसुकिया, प्रेरणा भारती 2अप्रैल:मछलियों के सामान्य वंसवृद्धि प्रजनन में बाधा न आए यह सुनिश्चित किया जाने को लेकर असम सरकार और तिनसुकिया जिला प्रशासन ने मछुआरों को कई निर्देश जारी किए है।आज तिनसुकिया जिले के सभी मछुआरों और मछली व्यापारियों को संबोधित जिला आयुक्त स्वप्निल पाल द्वारा हस्ताक्षरित एक नोटिस में कहा गया है कि असम सरकार की मत्स्य नीति 1953 (संशोधित 2005)फिसारी अधिनियम और विधि धारा 23 के तहत मछली पकड़ने पर कुछ प्रतिबंध लगाए गए हैं।जिसके अनुसार,7/14 सेमी.मीटर के छोटे घरेलू बड़े जाल,बड़े जाल, किसी भी प्रकार के जाल मारने या मछली पकड़ने 1अप्रैल 2025 से 15 जुलाई 2025 तक मछली के प्रजनन काल के दौरान प्रतिबंधित है।
इसकी जनकारी देते हुये जिला सूचना एवं जनसंपर्क अधिकारी विकास शर्मा ने प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि 1.2 से.मी से कम घर के आकार के जाल पर पूरे वर्ष के लिए प्रतिबंध लगा दिया गया है।मत्स्य अधिनियम एवं विधि की धारा 23(ए) के अनुसार प्रजनन काल (अंडा एवं अंडे धारक)
रौ,बाहू,मिरिका,माली,शीतल,खारिया पिठिया,घरिया एवं कुढ़ी जैसी मछलियों को पकड़ना एवं बेचना को लेकर 1 मई 2025 से 15 जुलाई तक प्रतिबंधित किया गया।किसी भी पद्धति,किसी भी उद्देश्य या खुद के खाने या बिक्री हेतु 23 से.मी से कम लंबाई वाली रो,बाहू,मिरिका शीतल, खारिया,पिठिया,घरिया आदि तथा 10 से.मी से कम लंबाई वाली माली ,कुड़ी, भंगोन आदि मछ्ली पकड़ने पर 1 अगस्त 2025 से 31 अक्टूबर तक प्रतिबंध लगाया गया है।
उपरोक्त प्रतिबंधों का उल्लंघन करने पर असम मत्स्य अधिनियम की धारा 22 और 41 के अंतर्गत जुर्माना लगाया जा सकता है तथा जाल,अन्य मछली पकड़ने के उपकरण आदि जब्त किए जा सकते हैं।भारतीय मत्स्य अधिनियम 1897 की धारा 7(1) और मत्स्य अधिनियम,1953 की धारा 27 के अंतर्गत उल्लंघन करने पर गिरफ्तारी और सजा होगी।