शिवकूमार शिलचर, 26 सितंबर: प्रत्येक वर्ष की भांति इसबार भी काछार के डलू चाय बागान में बड़े धूमधाम व हर्ष उल्लास के साथ 13वां करम पूजा मनाया गया। विगत 22 सितंबर से प्रारंभ हुई तीन दिवसीय इस करम पूजा में काछार जिले के लगभग सभी चाय बागानों से काफी संख्या में लोग एकत्रित हुए थें। भाई बहन के प्यार व प्रकृति पर्व के रूप में करम परब पारंपरिक तरीके से हर साल मनाया जाता है। इस पूजा में करम डाली के समीप बैठकर बहनों ने करमा व धरमा की कहानी का श्रवण मनन व विधि विधान के साथ करम डाली की पूजा की। आस्था व विश्वास से जुड़े इस परब का काफी महत्व है। परब का प्रकृति से जुड़ाव के अलावा भाई बहन के अटूट प्यार का भी परब है। पूजा संपन्न होने के बाद रातभर करम डाली के समीप नाचने व गाने का दौर चला. पूरा डलु चाय बागान ढोल व नगाड़ा की आवाज से गूंज उठा।
वही असम के मुख्य मंत्री डॉ हिमंत्व विश्व शर्मा द्वारा करम पूजा पर एक दिवसीय छुट्टी की घोषणा से कमेटी के कार्यकर्ताओं ने उनको धन्यवाद ज्ञापन किया। 25 सितंबर को दोपहर 2 बजे से सांस्कृतिक कार्यक्रम शुरू किया गया, जिसमे कई कलाकारों सहित स्थानीय लोगो ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। झूमूर नृत्य और गायन से लोगो का मन मस्तिष्क संगीतमय हो गया। वही अथितियो का आवागमन भी होता रहा करम पूजा कमेटी द्वारा सभी अतिथियों को असमिया गमछा व फूलो का गुलदस्ता देकर सम्मानित किया गया। बराक घाटी चाय श्रमिक यूनियन के अध्यक्ष कृपानाथ माला, महासचिव राजदीप ग्वाला, लखीपुर से विधायक कौशिक राय, जिला पुलिस अधीक्षक नुमल महता, राताबाडी के विधायक विजय मालाकार शिलचर के वरिष्ठ पत्रकार और सामाजिक कार्यकर्ता दिलीप कुमार, सुभाष चौहान, गणेश लाल छत्री, युवा कल्याण समिति के अध्यक्ष लालन प्रसाद ग्वाला, महासचिव विश्वजीत कोईरी आदि विशिष्ट व्यक्तियों ने कार्यक्रम में भाग लिया। अथितियों का स्वागत सुरजीत कर्मकार, विशुद्धानंद महतो, सुरेश बडाइक, विराज भूमिज, प्रदीप कुर्मी, और आयोजन समिति के कार्यकर्ताओं ने किया। करम पूजा के अवसर पर आयोजित रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम में देर रात तक भारी संख्या में लोगों का आना-जाना लगा रहा। आयोजन समिति के कार्यकर्ता व्यवस्था बनाए रखने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे थे।