अगरतला, 7 मार्च । त्रिपुरा के राजनीतिक इतिहास में लोकसभा के चुनाव से पहले एक अभूतपूर्व घटना हुई। राज्य के विपक्ष दल तिपरा मथा त्रिपुरा के दो नेता सरकार में शामिल हो गए। विपक्षी दल तिपरा मथा त्रिपुरा के दो विधायकों को राज्यपाल इंद्रसेन रेड्डी नल्लू ने मंत्री पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। विपक्षी दल के एक विधायक को कैबिनेट और दूसरे को राज्यमंत्री बनाया गया है।
गुरुवार को अगरतला में राजभवन के दरबार हॉल में राज्यपाल इंद्रसेन रेड्डी नल्लू ने विपक्ष के नेता और तिपरा मथा के विधायक अनिमेष देबबर्मा और विधायक वृषकेतु देबबर्मा को मंत्री पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। अनिमेष को कैबिनेट मंत्री और बृशकेतु को राज्यमंत्री पद की शपथ दिलाई गई।
शपथ लेने के बाद मुख्यमंत्री प्रो. डॉ. माणिक साहा ने सोशल मीडिया पर कहा, “मेरा दृढ़ विश्वास है कि तिपरा मथा को सरकार में शामिल करना ‘एक त्रिपुरा, श्रेष्ठ त्रिपुरा, बेहतर त्रिपुरा’ के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।” राज्य के समग्र विकास में यह ऐतिहासिक कदम उठाने के लिए मैं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह को धन्यवाद देता हूं।
बुधवार रात मुख्यमंत्री प्रो. डॉ. माणिक साहा ने राज्यपाल को पत्र लिखकर कहा था कि वह विपक्ष के नेता अनिमेष देबबर्मा को कैबिनेट का सदस्य बनाना चाहते हैं। इसके बाद गुरुवार को राजभवन के दरबार हॉल में शपथ ग्रहण समारोह आयोजित किया गया। शपथ ग्रहण समारोह में मुख्यमंत्री प्रो. डॉ. माणिक साहा, पूर्व तिपरा मथा सुप्रीमो और एमडीसी प्रद्योत किशोर माणिक्य देबबर्मा, पार्टी विधायक और नेता और एमडीसी सहित आईपीएफटी के नेता, सत्तारूढ़ भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष राजीव भट्टाचार्य सहित राज्य मंत्रिमंडल के सभी सदस्य उपस्थित थे।
दरअसल, तिपरा मथा, त्रिपुरा सरकार और केन्द्र सरकार के बीच त्रिपक्षीय ‘तिप्रासा’ समझौता दिल्ली में निष्पादित किया गया। इसके बाद तिपरा मथा और त्रिपुरा सरकार के बीच निकटता बढ़ गई। राज्य की राजनीतिक तस्वीर बदलने लगी और इस अटकलें लगने लगी थीं कि विपक्षी दल तिपरा मथा सरकार में शामिल किया जा सकता है।