काछार, 5 अगस्त:काछार जिले के प्रतिष्ठित दर्बी चाय बागान स्थित ऐतिहासिक हनुमान मंदिर में इस वर्ष भी 55 वर्षों की परंपरा को बरकरार रखते हुए श्रद्धा और भक्ति के साथ हनुमान पूजा का आयोजन किया गया। हर वर्ष की भांति इस बार भी मंगलवार को यह धार्मिक अनुष्ठान आयोजित हुआ, जिसमें स्थानीय निवासी, चाय बागान के श्रमिक और आस-पास के क्षेत्रों से सैकड़ों श्रद्धालु एकत्र हुए।
पूजा की शुरुआत सुबह मंदिर परिसर की सफाई से हुई, जिसके बाद भक्तों ने हनुमानजी की प्रतिमा पर गंगाजल, सिंदूर और लाल फूलों की माला अर्पित की। धार्मिक परंपराओं का पालन करते हुए पीपल के पत्तों पर श्रीराम का नाम लिखकर माला बनाई गई और हनुमानजी को समर्पित की गई। इसके अतिरिक्त, बजरंगबली की प्रिय वस्तुएं जैसे लड्डू, तुलसी पत्ते और भोग अर्पित किए गए।
पूरे आयोजन के दौरान भक्तों ने हनुमान चालीसा और सुंदरकांड का पाठ किया, जिससे मंदिर परिसर में भक्ति और अध्यात्म का वातावरण गूंज उठा।
स्थानीय निवासियों के अनुसार, यह मंदिर वर्ष 1980 में चाय बागान के श्रमिकों की पहल पर स्थापित किया गया था। तब से यह पूजा न केवल धार्मिक आयोजन बन गई है, बल्कि शक्ति, साहस और समृद्धि का प्रतीक भी बन चुकी है।
मंदिर समिति के सदस्य गोपाल धोबी ने बताया, “यह पूजा हमारे समुदाय की पहचान और एकता का प्रतीक है। यह सिर्फ एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि हमारी सांस्कृतिक विरासत का अहम हिस्सा है।”
पूजा के समापन पर श्रद्धालुओं के बीच प्रसाद वितरण किया गया। आयोजन को सफल बनाने में स्थानीय प्रशासन और मंदिर समिति का सहयोग सराहनीय रहा।
श्रद्धालुओं का विश्वास है कि बजरंगबली की कृपा से उनके जीवन की सभी बाधाएं दूर होंगी और परिवारों में सुख-समृद्धि आएगी।
दर्बी चाय बागान का यह आयोजन काछार जिले की धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत का एक शानदार उदाहरण है, जो पीढ़ियों से चली आ रही आस्था और एकता को सशक्त करता है।





















