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दारवी ग्राम पंचायत में ऐतिहासिक जनसभा: नेतृत्व चयन और एकजुटता के संदेश के साथ ग्रामीणों ने दिखाया लोकतांत्रिक जागरण

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शिवकुमार, शिलचर 19 जून 2025- नेतृत्व में पारदर्शिता, ईमानदारी और जन सहभागिता की मांग तेज़; स्वार्थी ताकतों को दिया कड़ा संदेश धलाई विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत दारवी ग्राम पंचायत में 18 जून, बुधवार को एक ऐतिहासिक जनसभा का आयोजन किया गया। यह सभा न केवल ग्राम पंचायत के नेतृत्व चयन की दिशा में एक निर्णायक पड़ाव बनी, बल्कि इससे ग्रामीणों की जागरूकता, एकता और विकास के प्रति प्रतिबद्धता भी उजागर हुई।गांव की हर गली और टोले से लोग समय से पूर्व ही उत्सव मंडप परिसर में एकत्रित होने लगे थे। महिलाओं, युवाओं, वरिष्ठ नागरिकों और निर्वाचित प्रतिनिधियों की भारी भागीदारी ने इस कार्यक्रम को अभूतपूर्व बना दिया।सभा की अध्यक्षता समाज के वरिष्ठ और सम्मानित नागरिक जगजीवन रविदास ने की, जिनकी सरलता और अनुभवशील नेतृत्व को गांव में अत्यधिक सम्मान प्राप्त है। मंच पर मंच पर उपस्थित अर्जुन ग्वाला, रंजू सतनामी, रामसिंहासन ग्वाला चंपालाल ग्वाला, पूर्व सभापति मुन्ना रविदास, तथा राजाराम प्रजापति उपस्थित थे, जो ग्रामीणों के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को लेकर प्रतिबद्ध दिखाई दिए।सभा का संचालन कुशलतापूर्वक शिव शंकर रविदास ने किया और आयोजन में रामबाबू ग्वाला की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण रही। सभा को सुव्यवस्थित और गरिमामय बनाए रखने के लिए स्वयंसेवकों की टीम भी सक्रिय रही।सभा में ग्रामीणों ने जोर देकर कहा कि आने वाला पंचायत नेतृत्व ईमानदार, कर्मठ, जनसरोकार से जुड़ा, और पारदर्शी होना चाहिए।पूर्व सभापति मुन्ना रविदास ने कहा:हमने पूर्व में कई गलतियाँ की हैं, लेकिन अब समय आ गया है कि हम जातिवाद, गुटबाजी और निजी स्वार्थ से ऊपर उठकर एक ऐसे नेता को चुनें जो हर वर्ग, हर परिवार, हर मोहल्ले की भलाई सोचे।सभा में मौजूद युवाओं, महिलाओं और बुजुर्गों ने भी इस बात पर सहमति जताई कि अब नेतृत्व का चयन सिर्फ जाति या पैसे के आधार पर नहीं, बल्कि योग्यता, ईमानदारी, और सेवा भावना के आधार पर होना चाहिए।एकजुटता की हुंकार और फूट डालने वालों को चेतावनी सभा के सबसे प्रभावशाली वक्ता रामबाबू ग्वाला ने सीधा संदेश देते हुए कहा:हम पाँचों प्रतिनिधि पूरी तरह एकजुट हैं। कोई भी हमारे बीच फूट नहीं डाल सकता। अगर कोई ऐसा प्रयास करता है, तो ग्रामवासी उसे पहचान चुके हैं और समय आने पर उसका उत्तर देंगे। गाँव अब जाग चुका है। उन्होंने आगे कहा,हम अब नेतृत्व का चयन खुद करेंगे। कोई बाहरी या राजनैतिक हस्तक्षेप बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। ग्रामवासी अब यह ठान चुके हैं कि विकास और जनहित ही प्राथमिकता होगी।सभा में उपस्थित सरजू पाशी, गुलाब यादव, छोटो धोबी, छोटेलाल भर, जमाल उद्दीन, पुरोहित, सोमनाथ उपाध्याय, जयनारायण रविदास और कई अन्य सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भी विचार रखे।सभी ने एक सुर में कहा कि गाँव को अब ऐसे नेतृत्व की आवश्यकता है जो हर वर्ग के हितों को लेकर संवेदनशील हो, भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन दे और जन संवाद को प्राथमिकता में रखे।नए सभापति का चयन सर्वसम्मति और पारदर्शिता से होगा सभा के अंत में एक सामूहिक निर्णय लिया गया कि अगला पंचायत सभापति सर्वसम्मति, जनता की राय, और खुले संवाद के माध्यम से चुना जाएगा।

कोई भी निर्णय बंद कमरे में या व्यक्तिगत एजेंडा के आधार पर नहीं लिया जाएगा। पंचायत का नेतृत्व अब जनता के हाथ में होगा। शिव शंकर रविदास ने उपस्थित सभी ग्रामीणों, प्रतिनिधियों और युवाओं का आभार व्यक्त किया और कहा:गाँव की प्रगति के लिए ऐसी खुली और पारदर्शी चर्चाएँ लगातार होती रहनी चाहिए। यह केवल एक सभा नहीं, बल्कि सामाजिक जागरण का प्रतीक है।दारवी ग्राम पंचायत की यह सभा सिर्फ नेतृत्व चयन का माध्यम नहीं, बल्कि एक लोकतांत्रिक परिवर्तन की लहर थी। इसने यह सिद्ध कर दिया कि गांव के लोग अब खुद अपने भविष्य के निर्णय लेने को तैयार हैं। उन्होंने यह संदेश दे दिया है कि पंचायत अब नेताओं की जागीर नहीं, बल्कि जनता की जिम्मेदारी है।

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