डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज यानी शुक्रवार को एक बड़ा एलान किया है। उन्होंने घोषणा की कि अब आईएसबीटी बस स्टैंड के बाहर बड़े चौक को भगवान बिरसा मुंडा के नाम से जाना जाएगा।इस दौरान केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल भी मौजूद रहे। उन्होंने कहा कि इस प्रतिमा और उस चौक का नाम देखकर न केवल दिल्ली के नागरिक बल्कि अंतर्राष्ट्रीय बस स्टैंड पर आने वाले लोग भी निश्चित रूप से उनके जीवन से प्रेरित होंगे।
अमित शाह ने किया प्रतिमा का अनावरण
सराय काले खां चौक का नाम अब ‘बिरसा मुंडा चौक’ होगा। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ‘जनजातीय गौरव दिवस’ के अवसर पर शुक्रवार को सराय काले खां बांसेरा पार्क में भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा का अनावरण किया। बिरसा मुंडा की आज 150वीं जयंती है। उनकी जयंती पर जनजाति गौरव दिवस के रूप में मनाया जा रहा है।
उपराज्यपाल भी रहे मौजूद
गृहमंत्री ने कहा कि सराय काले खां चौक का नाम अब ‘बिरसा मुंडा चौक’ होगा। इस अवसर पर दिल्ली के केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर और उपराज्यपाल वीके सक्सेना भी मौजूद रहे।
कैसे रखा गया सराय काले खां नाम
बता दें कि दिल्ली में सराय काले खां का नाम सूफी संत काले खां के नाम पर रखा गया था। दिल्ली में सराय काले खां दक्षिण पूर्वी के अंतर्गत आता है। सराय काले खां के आस-पास के इलाके निजामुद्दीन, जंगपुरा, खिजराबाद, जंगपुरा एक्सटेंशन और लाजपत नगर हैं।
बहुत फेमस है सराय काले खां नाम
बताना जरूरी होगा कि दिल्ली में सराय काले खां जगह बहुत फेमस है। अधिकतक लोग सराय काले खां जगह के बारे में जानते हैं। लेकिन अब इसका नाम बदल दिया गया है।
दिल्ली में प्रगति मैदान का भी बदला गया था नाम
सराय काले खां से पहले राजधानी में प्रगति मैदान का नाम भी बदला गया था। दिल्ली के प्रगति मैदान का नया नाम भारत मंडपम रखा गया था। भारतीय व्यापार संवर्धन संगठन (आईटीपीओ) ने समूचे परिसर का ही नाम भारत मंडपम कर दिया है।अब तक जिसे भारत मंडपम कहा जा रहा था और जहां जी-20 शिखर सम्मेलन हुआ था, उसका नाम अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनी व सम्मेलन केंद्र होगा। इस बदलाव के तहत आईटीपीओ की वेबसाइट पर ही नहीं, बल्कि प्रवेश द्वारों पर भी भारत मंडपम लिखा जाना शुरू हो गया है।
आजादी के रजत जयंती वर्ष पर रखा गया था प्रगति मैदान का नाम
बताना जरूरी होगा कि पहले एग्जीबिशन ग्राउंड से पहचाने जाने वाले इस स्थान को प्रगति मैदान का नाम स्वतंत्रता के रजत जयंती वर्ष 1972 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने दिया था। उसी वर्ष में यहां एशिया 72 प्रदर्शनी लगी थी, जिसका उद्घाटन इंदिरा ने ही किया था।