चुनाव मे सबकुछ जायज नही यह नाजायज है कि भले ही दिल्ली छोटा राज्य हो तथा केंद्र बिंदु इसलिए है कि देश की राजधानी दिल्ली है। दिल्ली से देश चलता है दिल्ली मे राष्ट्र पति प्रधानमंत्री लोकसभा राज्य सभा सहित विश्व के वाणिज्य दूतावास एवं अन्य सभी मुख्य विभाग दिल्ली मे है। इसलिए विधानसभा चुनाव मे दिल्ली के मुख्यमंत्री का निवास शीशमहल प्रधानमंत्री के निवास को राजमहल कहकर दिनभर चैनलों पर चर्चा एवं सङक पर आम आदमी पार्टी एवं भाजपा है। प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए आरोपों की झङियां लगना दूर्भाग्य पूर्ण है। देश की राजधानी मे क्या जरूरत है क्या राज्य एवं केंद्र सरकार का दायित्व है कहाँ कमी है इससे हटकर राजनीति बेतूका बयानबाजी के साथ साथ मुख्यमंत्री एवं प्रधानमंत्री के लिए कैसे कैसे कहा जा रहा है। यह सब अनावश्यक है। चुनाव मुद्दों पर लङा जाना चाहिए। चुनाव मे वादों के लछेदार भाषण आजादी के बाद आते रहे लेकिन आज नेता लोग महिलाओं के उपर भद्दी टीप्पणी करने से भी गुरेज नहीं कर रहे हैं। चुनाव आते जाते रहेंगे लेकिन इतिहास गवाह बन जायेगा। आनेवाली पीढ़ियों मे कैसा संदेश जायेगा जब उन्हें पता चलेगा कि अमुक नेता ने ऐसा कहा था। राजनीति के बदलते चरित्र पर बुद्धि जीवि लोग भी ठगे से लग रहे हैंराजनीति से लोग झिझकने लगे हैं पहले तो अखबारों मे पढेलिखे लोग ही पढते थे अब तो लगभग सारा देश विभिन्न टेलीविजन चैनलों पर देख रहा है इससे समाज पर भी कुअसर पङता है। सभी दलों को मिलकर एक लक्ष्मण रेखा बनाकर दंडात्मक प्रावधान होना चाहिए।





















