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दिव्यांगों के शैक्षणिक दृष्टिकोण बेहतर बनाने के लिए विश्वविद्यालय में दिव्यांगता अध्ययन केंद्र खोला जाएगा-कुलपति पंत

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यशवन्त पाण्डेय शिलकुड़ी ६ अगस्त । दिल्ली से आए भारतीय पुनर्वास परिषद के विशेषज्ञों की उपस्थिति में शनिवार को असम विश्वविद्यालय के सामाजिक कार्य विभाग द्वारा शनिवार को बिपिन चंद्र पाल सभागार में एक कार्यशाला आयोजित की गई । थी। कार्यक्रम का उद्घाटन असम विश्वविद्यालय के कुलपति राजीव मोहन पंत समेत अन्य गणमान्य अतिथियों के उपस्थिति में हुई। कार्यशाला में भारत सरकार के विकलांगता मंत्रालय के सलाहकार सदस्य एवं भारतीय पुनर्वास परिषद के परिषद सदस्य कमलाकांत पांडे, एसोसिएट प्रोफेसर, विकलांगता अध्ययन विभाग, इग्नू विश्वविद्यालय, दिल्ली के डॉ. आलोक उपाध्याय, विभागाध्यक्ष समाज कार्य विभाग एम तिनेश्वरी देवी, प्रोफेसर डाॅ. शुभ्रता दत्ता, डाॅ. एम. गंगाभूषण, कार्यशाला के संयोजक डाॅ. रितिका राजेंद्र, एबल साउथ असम के क्षेत्रीय सचिव मिथुन रॉय और अन्य लोग उपस्थित थे। कार्यक्रम में दिव्यांगों से संबंधित इस पहल के बारे में बात करते हुए कुलपति ने दिव्यांगों के गुणों की याद दिलाई, भले ही रवीन्द्र जैन अंधा थे, उन्होंने रामायण धारावाहिक का उदाहरण दिया और कहा कि यह सभी के विशेष गुणों के लिए है। उनकी तरह कि भारत के प्रधान मंत्री ने दिव्यांगों जैसे गुणों वाले लोगों को उचित सम्मान दिया। उन्होंने आगे कहा कि असम विश्वविद्यालय को दिव्यांगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए शैक्षणिक बुनियादी ढांचे को विकसित करने के लिए इस संबंध में कदम उठाना चाहिए और विश्वविद्यालय विकलांगता अध्ययन केंद्र के पहले कदम के रूप में एक दिव्यांग सहायता डेस्क खोला जायेगा। जहां यह डेस्क दिव्यांगों की वकालत, शिक्षा और सामाजिक विकास के लिए काम करेगी और सभी दिशानिर्देशों का पालन करते हुए प्रक्रियात्मक कार्य पूरा होने के बाद ही यहां दिव्यांगता अध्ययन केंद्र खोला जाएगा।

 पूरे दिन की कार्यशाला में अन्य वक्ताओं में सक्षम के संपादक मिथुन रॉय, भारत सरकार के स्वच्छ भारत अभियान के राजदूत डी पी शर्मा और बांग्लादेश ऑटिजम सलाहकार रिफत आरा रिफा। जलालपुर पीएचसी के चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. अनेशा नाथ ने पुनर्वास में भारत सरकार की आरबीएसके परियोजना के लाभ के बारे में जानकारी दी तथा समाज कार्य विभाग के छात्र इकरामुल हक ने फील्ड वर्क के माध्यम से दिव्यांगों के लिए किए गए कार्यों पर प्रकाश डाला। अंत में सहायक प्रोफेसर डॉ. एल्विन जोसेफ ने धन्यवाद ज्ञापन किया। कार्यशाला का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ। कार्यशाला में विश्वविद्यालय के छात्रों के अलावा बराक घाटी के विभिन्न कॉलेजों के शिक्षक और विकलांगता पर काम कर रहे विभिन्न संगठनों के पदाधिकारी उपस्थित थे। सभी कार्यक्रमों का संचालन समाज कार्य विभाग के सहायक प्रोफेसर डाॅ. जयश्री दे ने किया ।

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