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दिव्यांगों को पीछे छोड़कर समाज कभी आगे नहीं बढ़ सकता: मंत्री हजारिका

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गुवाहाटी में अंतरराष्ट्रीय दिव्यांग दिवस पर सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री पीयूष हजारिका

गुवाहाटी, 03 दिसंबर (हि.स.)। असम सरकार के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री पीयूष हजारिका ने आज गुवाहाटी में अंतरराष्ट्रीय दिव्यांग दिवस के अवसर पर आयोजित दो अलग-अलग कार्यक्रमों में मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया। सबसे पहले, मंत्री हजारिका भारत सरकार के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के तहत गुवाहाटी में दिव्यांग व्यक्तियों के कौशल विकास, पुनर्वास एवं सशक्तिकरण के लिए संयुक्त क्षेत्रीय केंद्र (सीआरसी) द्वारा आयोजित अंतरराष्ट्रीय दिव्यांग दिवस के अवसर पर मुख्य अतिथि थे।

उन्होंने समारोह में विशेष आवश्यकता वाले व्यक्तियों के लिए भारत सरकार द्वारा प्रदान की गई विभिन्न वस्तुओं का आधिकारिक रूप से वितरण किया। मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार ने देश के दिव्यांग व्यक्तियों के लिए कई कदम उठाए हैं।

सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री ने दोपहर में गुवाहाटी के कलाक्षेत्र में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा आयोजित अंतरराष्ट्रीय दिव्यांग दिवस के उद्घाटन समारोह में भाग लिया। मंत्री ने कहा कि वे दिव्यांग व्यक्तियों द्वारा बनाए गए उत्पादों की प्रदर्शनी से प्रभावित हुए। मंत्री ने राज्य सरकार की ओर से विभिन्न क्षेत्रों में सफलता प्राप्त करने वाले कई दिव्यांग बच्चों और व्यक्तियों को प्रमाण पत्र और विशेष पुरस्कार भी प्रदान किए। मंत्री ने विभाग की ओर से दिव्यांगों के लिए विभिन्न उपकरण भी प्रदान किए।

समारोह को संबोधित करते हुए मंत्री हजारिका ने कहा कि दिव्यांग व्यक्ति हमारे समाज का अभिन्न अंग हैं और उन्हें पीछे छोड़कर हम अपने समाज को आगे नहीं बढ़ा सकते। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के अनुसार दुनिया की लगभग 15 प्रतिशत आबादी किसी न किसी तरह की शारीरिक दिव्यांगता का सामना करती है, लेकिन ये दिव्यांगताएं उन्हें समाज में योगदान देने से नहीं रोक पाई हैं। भौतिक विज्ञानी स्टीफन हॉकिंग और एवरेस्ट पर्वतारोही अरुण सिन्हा का उदाहरण देते हुए, जिन्होंने शारीरिक दिव्यांगता पर काबू पाया, मंत्री ने कहा कि दिव्यांग लोगों ने कई क्षेत्रों में अन्य सामान्य लोगों की तुलना में समाज में अधिक योगदान दिया है। उन्होंने कहा, “दिव्यांगों की मानसिक दृढ़ता हम सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत है।” उन्होंने कहा कि भारत के दिव्यांग खिलाड़ियों ने पिछले पैरालिंपिक में सात स्वर्ण पदक सहित कुल 29 पदक जीते थे।

मंत्री ने कहा कि असम सरकार मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत विश्व शर्मा के नेतृत्व में दिव्यांगों के लिए ईमानदारी से काम कर रही है। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ समय में बड़ी संख्या में दिव्यांगों को सरकारी नौकरियों में भर्ती किया गया है। राज्य सरकार के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के तहत वर्तमान में राज्य में दिव्यांग छात्रों के लिए छह स्कूलें हैं। मंत्री ने कहा कि वर्तमान सरकार मानसिक रूप से दिव्यांगों के लिए आश्रय सहित कई तरीकों से दिव्यांगों की मदद कर रही है। मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार की अरुणोदय योजना के तहत राज्य के प्रत्येक दिव्यांग व्यक्ति को 1,250 रुपये प्रति माह मिल रहे हैं। मंत्री ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में राज्य सरकार के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के तत्वावधान में दिव्यांग व्यक्तियों के कौशल विकास के लिए तीन करोड़ रुपये जारी किए गए हैं।

आज कलाक्षेत्र में एक दिवसीय कार्यक्रम के साथ अंतरराष्ट्रीय दिव्यांगजन दिवस मनाया गया। सुबह दिव्यांगजनों के लिए खेल, कला, साहित्य और सांस्कृतिक प्रतियोगिताएं आयोजित की गईं और एक विशेष प्रदर्शनी भी लगाई गई। उद्घाटन समारोह में असम वरिष्ठ नागरिक कल्याण परिषद के अध्यक्ष डॉ. प्रदीप ठाकुरिया, असम राज्य परिवहन निगम के उपाध्यक्ष प्रणब ज्योति लहकर, असम राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष श्याम सैकिया और सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के आयुक्त सचिव बीरेंद्र मित्तल, राज्य सरकार के कई वरिष्ठ अधिकारी और राज्य के विभिन्न हिस्सों से पहुंचे दिव्यांगजन मौजूद रहे।

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