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दुमदुमा प्रेरणा भारती 21 दिसंबर : — राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के आधार पर पारंपरिक भारतीय ज्ञान और उच्च शिक्षा पर इसके प्रभाव विषय पर एक राष्ट्रीय स्तरीय सेमिनार दुमदुमा कॉलेज में शैक्षणिक माहौल में आयोजित किया गया। सेमिनार में देश के विभिन्न हिस्सों से शोध छात्र, प्रोफेसर और विशेषज्ञ शामिल हुए। पंजीकरण सुबह 9.30 बजे शुरू हुआ और 10.30 बजे कॉलेज की प्रबंधन समिति के अध्यक्ष प्रकाश दत्त ने दीप प्रज्वलित किया । हाइब्रिड पद्धति से आयोजित इस राष्ट्रीय स्तर संगोष्ठी के आयोजित सेमिनार में लगभग 50 प्रतिभागियों ने ऑनलाइन और ऑफलाइन भाग लिया। स्वागत भाषण कॉलेज के गुणवत्ता आश्वासन सेल के समन्वयक दीपक रंजन बरुआ ने दिया । कॉलेज के प्राचार्य डॉ. कमलेश्वर कलिता ने उद्घाटन भाषण देते हुए बताया कि जिन्होंने वर्तमान स्थिति और पर्यावरण के अनुरूप पारंपरिक ज्ञान प्राप्त करके देश को कैसे आगे बढ़ना चाहिए । इस पर एक विश्लेषणात्मक भाषण दिया। यूनेस्को गुवाहाटी के कार्यकारी निदेशक डॉ. अश्विनी कुमार शर्मा ने इस कार्यक्रम में ऑनलाइन भाग लिया और भारतीय शिक्षा प्रणाली और अतीत के संदर्भ और प्रासंगिकता पर अपना वक्तव्य दिया।
सेमिनार को गुजरात यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर प्रोफेसर हितेश सोलंकी ने ऑनलाइन संबोधित किया उन्होंने कहा कि ज्ञान और शिक्षा एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक विकसित होती रहती है और भारतीय ज्ञान परंपरा हर जगह फैल रही है। उन्होंने विभिन्न वेदों का उल्लेख करते हुए वैश्वीकरण के माध्यम से विभिन्न ज्ञान के विस्तार का उल्लेख किया और नई शिक्षा नीति ने अध्ययन का रास्ता खोला है।
अतिथि वक्ता पश्चिम बंगाल आलिया विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अबुल कलाम मोहम्मद अनवरा जामान ने विषय पर अपने विचार रखे। एक अन्य वक्ता डिब्रूगढ़ विश्वविद्यालय के डॉ. मुकुल चंद्र बोरा ने नई शिक्षा नीति के माध्यम से आज पारंपरिक प्रणाली की स्थिति को समझाया।
इस अवसर पर इंडियन ओवरसीज बैंक के सेवानिवृत्त अधिकारी डॉ. समीर बरुआ ने भी बहुमूल्य भाषण दिया। समारोह का उद्घाटन डॉ. कमलेश्वर कलिता ने ऑनलाइन किया और विश्वविद्यालय का 25वीं वर्षगांठ कैलेंडर का उद्घाटन मेजर गीता गोस्वामी ने किया। कॉलेज के रिचर् सेल की समन्वयक डॉ. कावेरी बरपुजारी शर्मा ने धन्यवाद ज्ञापन दिया।
उद्घाटन समारोह समापन के बाद दोपहर एक बजे से तकनीकी सत्र का आयोजन किया गया । आफलाइन के माध्यम से लगभग बीस जनो ने अपने शोध पत्र पढ़े। पहले सत्र में अरुणाचल विश्वविद्यालय अध्ययन केंद्र के छात्र जल विभाग की संचालक मेजर गीता गोस्वामी, दुमदुमा कॉलेज के उपाध्यक्ष डॉ. दीपक कुमार महंत , सहायक प्रोफेसर संदीप डे और प्रोफेसर अंजू कुंवर, प्रोफेसर डॉ. अंजन सैकिया और सिमी डेका ने आनलाईन के जरिए शोध पत्र का परिचालना किया। समापन समारोह अपराह्न 3-30 बजे आयोजित किया गया और सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र वितरित किये गये। धन्यवाद ज्ञापन प्रोफेसर मिंटू उपाध्याय ने किया। कार्यक्रम के उद्घोषक का कार्य प्रोफेसर डॉ. पद्माक्षी काकोती ने किया ।