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दुमदुमा प्रेरणा भारती 2 फरवरी:-दुमदुमा आंचलिक टाई भाषा संस्कृति चर्चा एवं संरक्षण केंद्र और दुमदुमा टाई आहोम एकता मंच के सौजन्य से 30 और 31 जनवरी को दो दिवसीय मे डाम मे फी का आयोजन किया गया। 31 जनवरी को सुबह झंडोतोलन दुमदुमा आंचलिक टाई भाषा संस्कृति चर्चा एवं संरक्षण केंद्र के सभापति चाउ तिलेश्वर गोगोई और मैडाम तर्पण आयोजन समिति के सभापति गोविंद फुकन ने किया ।
इस कार्यक्रम के बाद, आहोम रीति-रिवाजों के अनुसार पूर्वजों को याद करके और श्रद्धांजलि देने के लिए डाम फी पूजा का आयोजन किया गया। पूजा क्षेत्र में लगभग 500 पुरुषों और महिलाओं ने भाग लिया।
असमिया जाति के गठन में जनगोष्ठी लोगों के योगदान पर भी विचार गोष्ठी सभा का आयोजन किया गया। सभा समारोह की अध्यक्षता गोविंद फुकन ने की तथा आम सभा के उद्घाटन पसन्न प्राण फुकन ने किया। सभा में मुख्य अतिथि के रूप में दुमदुमा महाविद्यालय के इतिहास विभाग के प्रोफेसर द्विजेन शर्मा ने अपना वक्तव्य दिया।इस कार्यक्रम में दुमदुमा सम जिला के सह आयुक्त चाओ सुजीत गोगोई, साहित्य पुरस्कार विजेता चाओ शरत चंद्र चिरिंग फुकन, दुमदुमा कॉलेज के सेवानिवृत्त उप-प्राचार्य बेनु बोरा आदि ने अपना वक्तव्य दिया ।
सभा में प्रमुख शिक्षाविद् चाओ योगेन्द्र नाथ बरुआ, दुमदुमा कॉलेज के सेवानिवृत्त प्रोफेसर क्षेमनाथ गोगोई और भूपेन बरगोहाई विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित थे। इस अवसर पर छात्र-छात्राओं के बीच आयोजित टाई गीत, टाई नृत्य एवं चित्रकला प्रतियोगिता के पुरस्कार प्रदान किये गये।नन्हे मुन्ने कलाकारों द्वारा प्रस्तुत लाई लुंगखाम नृत्य लोगों को ध्यान आकर्षित किया।
सभा के आरंभ और समापन में स्थानीय महिलाओं और बच्चों द्वारा टाई आहोम प्रार्थना आई सिंग ला और समापन में जातीय गान मखाम फान ताई को महिलाओं और शिशु ने प्रदर्शन किया। इस कार्यक्रम का आयोजन समारोह समिति के सचिव चाओ चिन्मय फुकन ने धन्यवाद ज्ञापन दिया । सभा में उद्घोषक के रूप मे कार्यकारी अध्यक्ष चाओ रातुल गोगोई उपस्थित रहे।




















