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दुमदुमा प्रेरणा भारती 7 अक्टूबर – दुमदुमा शतदल शाखा साहित्य सभा तथा दुमदुमा आंचलिक छात्र संस्था द्वारा कल शाम दुमदुमा शाखा साहित्य सभा भवन में माध्यम आंदोलन के पहले शहीद मोजाम्मिल हक की याद में एक विशेष श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। शहीद मोजाम्मिल हक़ के चित्र के समीप तिनसुकिया जिला साहित्य सभा के पूर्व अध्यक्ष अर्जुन बरुवा द्वारा दीप प्रज्वलन के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। श्रद्धांजलि कार्यक्रम की आधिकारिक शुरुआत दुमदुमा आंचलिक छात्र संस्था के अध्यक्ष बिराज गोहाईं द्वारा की गई। श्रद्धांजलि कार्यक्रम में दुमदुमा शतदल शाखा साहित्य सभा के अध्यक्ष विमला बरुवा , उपाध्यक्ष जयसूर्या बोरा , दुमदुमा शाखा वरिष्ठ नागरिक संघ के अध्यक्ष गोविंद फूकन, शाखा कोषाध्यक्ष दिनेश गोयल, दुमदुमा आंचलिक छात्र संस्था के महासचिव समुज्जल बोरा सोनोवाल, अखिल असम गरिया मरिया जातीय परिषद के तिनसुकिया जिला के सचिव मून अली , उपाध्यक्ष नेकिव हक़ सइकिया के अलावा कई विशिष्ट लोग उपस्थित थे। शाखा के अध्यक्ष विमला बरुवा की अध्यक्षता में आयोजित स्मृति सभा में शाखा के सचिव देबेन डेका द्वारा उद्देश्य की व्याख्य की गई। माध्यम आंदोलन के पहले शहीद मोजाम्मिल हक और वर्तमान समय में भाषा के हित में हमारी जिम्मेदारी की भावना के बारे में तिनसुकिया जिला साहित्य सभा के पूर्व अध्यक्ष अर्जुन बरुवा , वरिष्ठ नागरिक संस्था के दुमदुमा शाखा के अध्यक्ष गोबिंद फूकन , , दुमदुमा आंचलिक छात्र संस्था के अध्यक्ष बिराज गोहाईं , शाखा के उपाध्यक्ष जयसूर्या बोरा तथा दुमदुमा नामघर समिति के अध्यक्ष मृगेन सइकिया ने वक्तव्य प्रदान किया। कार्यक्रम के दौरान गायिका अनामिका लहकर द्वारा एक गीत प्रस्तुत किया गया। जोनाली सइकिया डेका ने स्वरचित कविता का पाठ किया। शाखा के सचिव देबेन डेका ने ज्योति प्रसाद अग्रवाला रचित कविता पाठ किया। कार्यक्रम में दुमदुमा आंचलिक छात्र संस्था के अंतर्गत उप शाखा के सदस्य सहित अंचल के कई विशिष्ट लोग मौजूद थे। कार्यक्रम का संचालन शाखा के सचिव देबेन डेका ने किया। कार्यक्रम का समापन जातीय संगीत के साथ किया गया