प्रे.स. शिलचर, 25 फरवरी : आर्थिक संकट के कारण बंद हुए दैनिक प्रांतज्योति को फिर से शुरू करने के प्रयास तेज कर दिए गए हैं। पत्रिका के कर्ताधर्ता निलय पाल ने बताया कि कर्मचारियों के बकाया वेतन का 70% पहले ही चुका दिया गया है और शेष राशि जल्द ही दे दी जाएगी। हालांकि, उन्होंने सोशल मीडिया पर उनके खिलाफ फैलाई जा रही झूठी अफवाहों को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया।
आज एक पत्रकार सम्मेलन में निलय पाल ने कहा कि गंभीर आर्थिक संकट के चलते उन्हें 26 अक्टूबर को अखबार बंद करने का कठिन निर्णय लेना पड़ा था। उस समय उन्होंने कर्मचारियों को आश्वासन दिया था कि वे अगले छह महीनों में बकाया पांच महीने का वेतन चुका देंगे। लेकिन, कुछ कर्मचारी लगातार झूठी बातें फैला रहे हैं और उन पर अनुबंध तोड़ने का आरोप लगा रहे हैं।
निवेशकों के पीछे हटने का आरोप
पाल ने बताया कि जब भी किसी समूह के साथ अखबार की बिक्री या साझेदारी को लेकर बातचीत होती है, तो तीन कर्मचारी प्रेस वार्ता कर स्थिति को जटिल बना देते हैं। इससे निवेशक पीछे हट जाते हैं और दैनिक प्रांतज्योति के पुनर्जीवन की प्रक्रिया प्रभावित होती है। उन्होंने यह भी दावा किया कि तीन कर्मचारियों ने वेतन लेने से इनकार कर दिया है और अखबार बंद होने के पीछे दो जिम्मेदार व्यक्तियों की भूमिका संदिग्ध है।
सभी मुद्दों पर बातचीत के लिए तैयार
निलय पाल ने दोहराया कि वे अब भी हर तरह की चर्चा के लिए तैयार हैं और अफवाहों से भ्रमित न होने की अपील की। उन्होंने कहा, “अगर किसी को कोई समस्या है, तो वे खुलकर बातचीत कर सकते हैं। हम हर समाधान के लिए तैयार हैं।”
(प्रेरणा भारती दैनिक के लिए विशेष रिपोर्ट)