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धधकते बंगलादेश से भारत को भी अग्निपरीक्षा से गुजरना होगा– मदन सुमित्रा सिंघल

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हालांकि कोई भी देश किसी भी देश में तख्ता पलट होने तथा आंतरिक सुरक्षा के साथ बंगलादेश जैसे हालात होने के बावजूद हस्तक्षेप नहीं कर सकता लेकिन अपने नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने उन्हें सकुशल वापस लाने के लिए प्रयास तो यथासंभव करेगा। भारत बंगलादेश का निर्माता है तथा बहुत ही मधुर संबंध होने के साथ साथ व्यावसायिक सामाजिक सांस्कृतिक एवं आर्थिक रूप से भी साझेदार, है। 1971 में देश जब बना तो लोकतंत्र एवं धर्मनिरपेक्ष देश घोषित किया गया लेकिन वहाँ हिन्दू अब मात्र आठ प्रतिशत बचे हैं जो सरकारी आंकड़ों के अनुसार एक करोड़ बीस लाख के लगभग है। आजादी के बाद से तीन बार तख्ता पलट हुआ वही, हुआ जो अमुमन पाकिस्तान में होता है। बंगलादेश आज अंतरिम सरकार बनाकर एकबारगी तुफान तो थाम लेगा लेकिन जो जो संपत्ति नष्ट हुई अनेक मासूम लोगों को मारा गया एवं महिलाओं के साथ दरिंदगी की गई। पुलिस पर भी हमला हुआ जो सुरक्षा नतमस्तक हो गई। हिंदुओ के मंदिरों को नष्ट करने के साथ साथ जगह घर एवं दुकान प्रतिष्ठान जलाने के अलावा कई अवांछित घटना घट रही है। एक अस्थायी सरकार भला कितनी कारगर साबित होगी। चिङिया के द्वारा खेत चुगने के बाद क्या किया जायेगा। भारत में हिन्दू शरणार्थियों के साथ साथ अवैध घुसपैठिये भी आने के लिए प्रयास करेंगे जो भारत के लिए बहुत ही मुश्किल है। चार हजार किलोमीटर अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर सीमा सुरक्षा बल तैनात है उनके लिए बहुत ही सतर्कता रखना नितांत आवश्यक है क्योंकि बंगलादेश मे जेल तोड़ कर खुंखार उग्रवादी फरार है वो भारत के विशेष रूप से पुर्वोत्तर के राज्यों में प्रवेश करने की कुचेष्टा करेंगे। बंगाल असम त्रिपुरा मेघालय सहित पांच राज्यों में बंगलादेश की सीमा है। भारत देश में वर्तमान केंद्रीय सरकार बहुत ही मजबूत है आज भारत की साख पूरे विश्व में शिखर पर है ऐसे में भारत हर समस्या का समाधान निकालने में सक्षम है। फिर भी यह एक भयंकर समस्या सामने आ गयी है। यह समस्या एक दिन में नहीं बल्कि निरंतर प्रक्रिया के साथ समाधान करते रहना होगा‌।

मदन सुमित्रा सिंघल
पत्रकार एवं साहित्यकार
शिलचर असम
मो 9435073653

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