प्रे.स. शिलचर, 27 फरवरी: धर्मपरायण एवं समाजसेवा के प्रति समर्पित देवकीनंदन जालान का बुधवार शाम एक निजी अस्पताल में लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। वे 83 वर्ष के थे। उनके दोनों पुत्र अंतिम क्षणों में उनके साथ मौजूद थे।
संघर्षपूर्ण जीवन जीने वाले जालान ने 1985 में शिलचर में ‘जालान मोटर’ के नाम से मोटर पार्ट्स का व्यवसाय शुरू किया और अपनी कड़ी मेहनत और ईमानदारी से उसे सफलता की ऊंचाइयों तक पहुंचाया। व्यवसाय में सफलता प्राप्त करने के बाद वे धार्मिक और सामाजिक कार्यों में अधिक सक्रिय हो गए। वे अग्रवाल सेवा समिति के उपाध्यक्ष, मारवाड़ी सम्मेलन के अध्यक्ष, भारत विकास परिषद के अध्यक्ष तथा श्री नारायणी शक्ति मंडल के संस्थापक सहित कई संगठनों से जुड़े रहे।
धर्म और साहित्य के प्रति उनकी गहरी आस्था थी। उन्होंने महापुरुषों के प्रेरणादायक लेखों को संकलित कर एक पुस्तक प्रकाशित करवाई और प्रेरणा भारती दैनिक में भी नियमित रूप से धार्मिक लेख प्रकाशित करवाते थे। राणी सती से संबंधित एक विशेष पुस्तक भी उन्होंने प्रकाशित करवाई। उनका जीवन धार्मिक अनुष्ठानों, तीर्थ यात्राओं और दान-पुण्य को समर्पित था। छोटे-छोटे दान करने की उनकी प्रवृत्ति ने उन्हें समाज में एक आदर्श दानदाता के रूप में प्रतिष्ठित किया।
उनका अंतिम संस्कार शुक्रवार को परिवार और रिश्तेदारों के आगमन के बाद किया जाएगा। वे अपनी धर्मपत्नी सुमित्रा देवी, पुत्र पुष्पा विष्णु और राजेश जालान, दामाद प्रकाश कानोड़िया, पौत्र मृदुल, दोहिता प्रतीक सहित भरे-पूरे परिवार को छोड़कर इस संसार से विदा हो गए।
उनका निधन समाज के लिए एक अपूरणीय क्षति है।





















