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नई दिल्ली में जाजातीय गौरव दिवस का ऐतिहासिक आयोजन, जनजातीय गौरव और संस्कृति की प्रतिध्वनि
नई दिल्ली। आधुनिक इंडिया फ़ाउंडेशन के बैनर तले जनजातीय गौरव दिवस का भव्य आयोजन राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में अत्यंत उत्साह और गौरव के साथ संपन्न हुआ। कार्यक्रम में देशभर से आए जनजातीय समुदायों के प्रतिनिधियों, समाजसेवियों, कलाकारों और युवाओं ने बड़ी संख्या में भाग लेकर इसे ऐतिहासिक बना दिया।
इस अवसर पर राष्ट्रीय जनजातीय आयोग के सम्माननीय सदस्य श्री निरूपम चकमा मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।
विशिष्ट अतिथि के रूप में लोकसभा सांसद श्री कृपानाथ मल्लाह तथा राज्यसभा सांसद श्री रमेश्वर तेली समारोह में शामिल हुए।
इसके अतिरिक्त अति विशिष्ट अतिथि के रूप में राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य सुश्री डेलिना खोंगडुप की उपस्थिति ने कार्यक्रम की गरिमा को और बढ़ा दिया।
कार्यक्रम के दौरान आदिवासी समाज, शिक्षा, संस्कृति, खेल, और समाज सेवा के क्षेत्र में अद्वितीय योगदान देने वाले व्यक्तित्वों को “बिरसा मुंडा राष्ट्रीय सम्मान 2025” से सम्मानित किया गया। इस सम्मान ने जनजातीय समाज के समग्र विकास में कार्यरत लोगों के मनोबल को मजबूत करने का संदेश दिया।
समारोह का उद्घाटन सभी अतिथितियों द्वारा द्वीप प्रज्जवित कर किया गया ।उट्घाटन भाषण आधुनिक इंडिया फाउंडेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री डी. के. चौहान ने दिया । अपने संबोधन में उन्होंने भगवान बिरसा मुंडा के अदम्य साहस, त्याग और उनके राष्ट्र निर्माण में योगदान को याद किया। उन्होंने उपस्थित जनप्रतिनिधियों, अतिथियों और युवाओं से अपील की कि वे बिरसा मुंडा के आदर्शों को जीवन में आत्मसात करें और समाज के प्रति अपने उत्तरदायित्व को और अधिक मजबूती से निभाएँ।
मुख्य अतिथि श्री निरूपम चकमा ने आधुनिक इंडिया फ़ाउंडेशन द्वारा जनजातीय समाज के लिए किए जा रहे कार्यों की सराहना करते हुए राष्ट्रीय जनजातीय आयोग की विभिन्न योजनाओं और उद्देश्यों के बारे में जानकारी दी।
लोकसभा सांसद श्री कृपानाथ मल्लाह, राज्यसभा सांसद श्री रमेश्वर तेली और राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य सुश्री डेलिना खोंगडुप ने भी अपने संबोधन में संगठन के प्रयासों की प्रशंसा की तथा भविष्य में भी इस मिशन को और व्यापक रूप से आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित किया।
पूरे कार्यक्रम के दौरान जनजातीय कला, संस्कृति, नृत्य, संगीत और परंपराओं की झलक ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। आयोजन स्थल पर उत्साह, एकता और सांस्कृतिक गौरव का माहौल रहा, जिसने जाजातीय गौरव दिवस को नई ऊँचाइयाँ प्रदान कीं।





















