वाराणसी,07 मार्च । काशी हिन्दू विश्वविद्यालय शैक्षणिक, अनुसंधान, तथा प्रशासनिक उत्कृष्टता हासिल करने के लिए संजीदा है। शिक्षकों, विद्यार्थियों व कर्मचारियों के विकास के लिए विश्वविद्यालय ने विविध योजनाएं शुरू की हैं । इसी क्रम में बीएचयू फिर एक नई योजना लेकर आया है, जिसके माध्यम से संकाय सदस्य अथवा अधिकारी देश के उन प्रमुख संस्थानों का दौरा कर सकेंगे, जो अपने अपने क्षेत्र के शीर्ष 10 में शामिल हैं, तथा वहां प्रयुक्त हो रही उत्कृष्ट कार्य पद्धतियों को सीख कर अपने कामकाज में अपना सकेंगे।
योजना के तहत शिक्षक व अधिकारी 3 से 5 के समूह में जाकर इस योजना का लाभ ले सकते हैं। इस योजना का मकसद है कि प्रतिभागी उत्तम पद्धतियां सीखें तथा भविष्य के लिए साझेदारियां विकसित करें, एवं ऐसे तौर तरीकों को काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में अपनाएं जिनसे संस्थान प्रगति की ओर अग्रसर हो ।
कुलपति प्रो. सुधीर कुमार जैन का कहना है कि यह योजना काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के शिक्षकों तथा अधिकारियों के लिए उन्नति के नए मार्ग प्रशस्त करती है। उन्होंने कहा, “अगर हमें एक संस्थान के रूप में उत्कृष्टता हासिल करनी है, तो हमें अन्य संस्थानों में अपनाई जा रही श्रेष्ठ पद्धतियों को अपने कार्य में लाना होगा। यह योजना उन कई पहलों में से एक है, जो उत्कृष्टता हासिल करने के बीएचयू के लक्ष्य को साकार बनाने के लिए चलाई जा रही हैं।”
विश्वविद्यालय में इंस्टिट्यूशन ऑफ एमिनेंस के समन्वयक प्रो. संजय कुमार ने कहा कि इस कार्यक्रम का लाभ लेने वाले प्रतिभागियों से अपेक्षा होगी कि वे ऐसी समग्र कार्ययोजना तैयार करें, जो बीएचयू को लाभान्वित करें। यह योजना बीएचयू के उद्देश्यों के अनुरूप तैयार की गई है, जिससे संस्थागत उत्कष्टता के बीएचयू के प्रयासों को तेज़ी मिलने की उम्मीद है।
इस योजना में यह भी प्रावधान किया गया है कि उल्लेखनीय योगदान वाले सदस्यों को भविष्य में अंतरराष्ट्रीय संस्थानों के दौरे के लिए भी चयनित किया जा सके, ताकि वे संस्थान के उत्तरोतर विकास में योगदान दे सकें।