बिजली बिल को लेकर केंद्र सरकार ने आज बड़ा बदलाव किया है, नए बिजली नियमों के मुताबिक दिन में बिजली दरों में 20 फीसदी तक की कटौती और रात में पीक ऑवर्स के दौरान 20 फीसदी तक की इजाफे की अनुमति होगी. बिजली मंत्रालय ने शुक्रवार को इस संबंध में जानकारी दी.
बताया जाता है कि यह कदम रिन्यूवेबल एनर्जी को बढ़ावा देने के लिए उठाया गया है. यह सिस्टम लागू होने के बाद पीक टाइम के दौरान ग्रिड पर डिमांड का दबाव कम होने की उम्मीद है. इस दौरान काम के बाद कई परिवार एसी का इस्तेमाल करते हैं.
केंद्र सरकार ने आज इलेक्ट्रिसिटी (राइट्स ऑफ कंज्यूमर) रूल्स, 2020 में संशोधन किया है और मौजूदा पावर सिस्टम में दो अहम बदलाव किया है. इसके तहत टाइम ऑफ डे (ToD) टैरिफ सिस्टम को लागू किया गया है और स्मार्ट मीटर से जुड़े प्रावधान भी आसान किए गए हैं
यह फैसला अप्रैल 2024 से कॉमर्शियल और इंडस्ट्रियल उपभोक्ताओं के लिए लागू हो जाएगा. इसके एक साल बाद इसके कृषि क्षेत्र के उपभोक्ताओं पर भी लागू होने की उम्मीद है. ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने एक बयान में कहा कि चूंकि सोलर पावर सस्ता है. इसलिए दिन के समय बिजली दरें सस्ती रहेंगे. इसे उपभोक्ताओं को फायदा मिलेगा.
ऊर्जा मंत्री ने कहा कि रात के वक्त थर्मल और हाइड्रो पावर के साथ-साथ गैस आधारित क्षमता का उपयोग किया जाता है. सोलर पावर की तुलना में यह काफी महंगा है. इसलिए दिन के बिजली टैरिफ में इसका असर देखने को मिलेगा. इस कदम से 2030 तक गैर-जीवाश्म ईंधन से अपनी ऊर्जा क्षमता का 65% और 2070 तक जीरो एमिशन टारगेट पूरा करने की दिशा में काम करने में मदद मिलने की उम्मीद है.
यह अप्रैल 2024 से वाणिज्यिक और औद्योगिक उपभोक्ताओं के लिए और एक साल बाद कृषि क्षेत्र को छोड़कर अधिकांश अन्य उपभोक्ताओं के लिए लागू होगा. केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने एक बयान में कहा, चूंकि सौर ऊर्जा सस्ती है, इसलिए सौर ऊर्जा घंटों के दौरान टैरिफ कम होगा. इसलिए उपभोक्ता को लाभ होगा. गैर-सौर घंटों के दौरान थर्मल और हाइड्रो पावर के साथ-साथ गैस आधारित क्षमता का उपयोग किया जाता है. यह दिन के समय के टैरिफ में दिखाई देगी.”
इस कदम से 2030 तक गैर-जीवाश्म ईंधन से अपनी ऊर्जा क्षमता का 65% और 2070 तक शुद्ध शून्य उत्सर्जन प्राप्त करने के लक्ष्य की दिशा में काम करने में मदद मिलने की उम्मीद है.