सभी पूर्वोत्तर राज्यों की राजधानियों को ब्रॉड गेज रेल लिंक से जोड़ने की सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना के हिस्से के रूप में पूर्वोत्तर सीमा रेल (पूसीरे) नगालैंड के डिमापुर से कोहिमा तक एक नई ब्रॉड गेज रेल लाइन का निर्माण कर रही है। परियोजना का कार्य जोर-शोर से चल रहा है और मार्च, 2026 तक तैयार होने की उम्मीद है। नई रेल लाइन नगालैंड की राजधानी शहर कोहिमा को देश के ब्रॉड गेज रेलवे मानचित्र पर लायेगी।
पूसीरे से मिली जानकारी के अनसार डिमापुर से कोहिमा (जुब्जा) तक 6,648 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से 82.50 किमी लंबी नई रेल लाइन परियोजना का कार्य चल रहा है। इस परियोजना में आठ नए स्टेशन, 22 बड़े पुल, 165 छोटे पुल, 35 रोड ओवर ब्रिज/रोड अंडर ब्रिज और 31 किमी सुरंग कार्य शामिल हैं। डिमापुर से टिजित तक 4274 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से 257 किमी लंबी एक अन्य नई रेल लाइन परियोजना भी स्वीकृत की गई है।
बताया गया कि फरकाटिंग-बाघती घाटी (नगालैंड में 24.10 किमी और असम में 23.30 किमी) के बीच 47.40 किमी खंड पर एक नई लाइन के लिए सर्वेक्षण भी पूरा कर लिया गया है। नई रेल कनेक्टिविटी माल परिवहन को आसान बनाएगी और नगालैंड की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने में काफी हद तक मदद करेगी।
भारतीय रेल ने 2014-22 के दौरान डिमापुर (नगालैंड) में अवसंरचना विकास के लिए कई परियोजनाएं शुरू की हैं। डिमापुर रेलवे स्टेशन पर दिव्यांगजनों के लिए शौचालय और रैंप प्रदान कर रेल प्रणाली को भी यात्रियों के अनुकूल बनाया गया है। डिमापुर स्टेशन पर आधुनिक सुविधाओं के साथ नया प्रीमियम वातानुकूलित हॉल की सुविधा है। स्टेशन के प्लेटफार्म और परिसंचरण क्षेत्र को बेहतर अवसंरचनात्मक सुविधाओं के साथ विकसित किया गया है। डिमापुर स्टेशन पर वाटर वेंडिंग मशीन और एयरपोर्ट टाइप पे एंड यूज शौचालय उपलब्ध किये गये हैं।
इसके अलावा, पूसीरे नगालैंड के स्टेशनों में 100 प्रतिशत एलईडी प्रकाश व्यवस्था के साथ हरित पहलों को लागू करने में सबसे आगे रहा है। डिमापुर स्टेशन पर बोतल क्रशर मशीनें भी उपलब्ध कराई गई हैं। परिवहन के माध्यम से नगालैंड के रुपांतरण में रेलवे का प्रयास पूर्वोत्तर क्षेत्रों के समग्र विकास का नेतृत्व करेगा।