बंगाली समाज का गौरवशाली पर्व ‘बांग्ला नववर्ष’ और असमिया समुदाय की परंपरागत धरोहर ‘रोंगाली बिहू’—दोनों पर्वों की सांस्कृतिक झलक लेकर शिलचर शहर के प्रतिष्ठित नटराज नृत्य एवं संगीत विद्यालय ने इस वर्ष भी एक भव्य और मनोहारी आयोजन किया।
यह कार्यक्रम शिलचर स्थित असम विश्वविद्यालय के खेल मैदान में आयोजित हुआ, जहाँ दिनभर नृत्य-संगीत के माध्यम से दर्शकों को एक अलग ही सांस्कृतिक वातावरण का अनुभव कराया गया। बिहू नृत्य और बंगाल का पारंपरिक धामाईल नृत्य प्रस्तुत कर कलाकारों ने समूचे माहौल को उल्लासमय बना दिया।
नटराज नृत्य एवं संगीत विद्यालय के संचालक दिबेंदु दास ने बताया, “यह आयोजन हमारी सांस्कृतिक विरासत और विविधता का प्रतीक है। बांग्ला नववर्ष और रोंगाली बिहू दो अलग-अलग सांस्कृतिक धाराएं हैं, लेकिन इस कार्यक्रम के माध्यम से हमने दो समुदायों और दो उपत्यकाओं के बीच सांस्कृतिक समन्वय की एक सुंदर मिसाल पेश की है।”
इस अभिनव प्रयास से शिलचर ही नहीं, संपूर्ण बराक घाटी में सांस्कृतिक सौहार्द और एकता का संदेश गया है। नटराज नृत्य एवं संगीत विद्यालय की यह पहल दोनों समुदायों के बीच रिश्तों को और प्रगाढ़ बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
– प्रेरणा भारती डिजिटल न्यूज़ नेटवर्क




















