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24 जुलाई शाम 7 से 8 बजे तक नलबाड़ी विभाग गो विज्ञान परीक्षा की ऑनलाइन बैठक संपन्न संपन्न हुई |
जिसमें विश्व हिंदू परिषद गौरक्षा केंद्रीय मंत्री एवं नार्थईस्ट क्षेत्र पालक उमेश चन्द्र पोरवाल जी, प्रांत गो विज्ञान परीक्षा प्रमुख अंकुर बेजबरुआ जी एवं विभाग गो विज्ञान परीक्षा प्रमुख सुनील शर्मा जी ने गो विज्ञान परीक्षा के बारे में महत्वपूर्ण जानकारियों से अवगत कराया। बैठक का शुभारंभ चिंटू शर्मा जी ने ऊँ के साथ प्रारंभ किया। हरे कृष्णा पाठक जी ने सभी का परिचय कराया। बैठक में प्रमुख 11 कार्यकर्ता उपस्थित रहे। गो विज्ञान परीक्षा के बारे उमेश चन्द्र पोरवाल ने भारतीय देसी गाय की उपयोगिता एवं महत्व को बताते हुए आने वाली पीढ़ी एवं हम सब भारतीय देसी गाय के बारे में वैज्ञानिक आधार पर गाय की उपयोगिता, गाय एक चलता फिरता चिकित्सालय है, जैविक खाद एवं कीट नियंत्रण का जीवंत अनंत भंडार है। गाय के गोबर से अनेक प्रकार की खाद एवं अनेक गो उत्पादों जैसे धूपबत्ती, मंजन, साबुन, राखियां, दीये, मूर्तियां, गोकाष्ठ लकड़ी आदि बनाई जा रहे हैं गोमूत्र फिनाइल, गोमूत्र अर्क एवं कीट नियंत्रण तैयार किया जाता है। गाय को भगवान श्रीकृष्ण ने गोसेवा की गोचाणन करायाऔर गोपाल गोविंद के लाए भारतीय संस्कृति में हिन्दू समाज मां कहते हैं। इसलिए भारतीय गो विज्ञान परीक्षा के बारे में हम सब जाने। अंकुर बेजबरुआ जी ने गो विज्ञान परीक्षा का ऐप डाउनलोड करना एवं उसकी बारीकियां से अवगत कराया। विश्व हिंदू परिषद गोरक्षा द्वारा 2011 से संपूर्ण देश में संपन्न होती है। गत 2 वर्ष से ऑनलाइन गो विज्ञान परीक्षा संपन्न हो रही है। बरपेटा जिला गो विज्ञान परीक्षा प्रमुख नीलकमल जी को दायित्व दिया गया, नील कमल जी ग्रेजुएशन किए हुए हैं और स्वयं पंजीयन कर गो विज्ञान परीक्षा हेतु पुस्तक भारतीय गो दर्शन देखी और डेमो करके देखा समझ गए और इस जिम्मेदारी को संभाल सकेंगे। अन्य लोगों को अधिक से अधिक गो विज्ञान परीक्षा के जिम्मेदारी बनाकर पंजीयन कराकर गो विज्ञान परीक्षा में हजार लोगों को कम से कम जुड़ेंगे ऐसा संकल्प लिया है। संकल्प से सिद्धि प्राप्ति होती है।
विभाग गो विज्ञान परीक्षा प्रमुख सुनील शर्मा जी ने नीलकमल जी सफलता के लिए अनंत मंगलमय शुभकामनाएं दी।