विहिप के दस दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का हुआ समापन
विशव हिंदू परिषद के दस दिवसीय प्रशिक्षण शिविर के समापन समारोह में बोलते हुए विहिप के केंद्रीय सह मंत्री डॉक्टर सचिन सिंह ने कहा कि न हिन्दू पतितो भवेत । मम दीक्षा हिन्दू रक्षा, मम मंत्र समानता । संगठन, सुरक्षा एवं संस्कार के लिए विश्व हिन्दू परिषद की स्थापना की गयी। प्रशिक्षणार्थियों और स्थानीय नागरिकों को संबोधित करते हुए डॉक्टर सचिन सिंह ने विश्व हिंदू परिषद के स्थापना काल से उसके वर्तमान तक का विस्तारपूर्वक चित्रण किया। उन्होंने कहा कि हमारे कार्यकर्ताओं ने विपरीत परिस्थितियों में पिछड़े क्षेत्रों में काम किया है। दुनिया का सबसे बड़ा स्वयंसेवी संगठन संघ विचार परिवार है। आज ध्रुवीकरण हो चुका है एक तरफ हिन्दुत्व और दूसरी तरफ विरोधी। गंगा- गायत्री और संस्कृति की रक्षा के लिए हम काम कर रहे है। एक देशबन्ध चितरंजन होने से नहीं होगा सभी देशवासियों को देशभक्त होना होगा। धर्मांतरण के खिलाफ 13 राज्यों में कानून है। धर्मांतरण अपराध है, गैरकानुनी हैं। धर्मान्तरित लोगो के घर वापसी का काम चल रहा है।हमारे गौरवशाली अंतीत की उपेक्षा करके पराधीनता का इतिहास पढ़ाया गया। मुगलो ने तलवार और कुरान लेकर धर्मांतरण शुरु किया। पुरे देश में इसका प्रतिवाद हुआ। सिख गुरुओं ने भी बलिदान दिया। छुआछूत सबसे बड़ा पाप है। विहिप इसे दूर करने का काम का रहा है।
मंचासीन अतिथियों ने दीप प्रज्वलन किया तत्पश्चात एकता मंत्र व विजय मंत्र किया गया। अतिथियों का परिचय और उनका सम्मान किया गया। प्रशिक्षणार्थियों ने योगासन का प्रदर्शन किया।
मंचासीन अतिथियों में दक्षिण पूर्व प्रांत के सभापति शांतनु नायक, मुख्य वक्ता डा. शचिन सिंह केन्द्रीय सह मंत्री, मुख्य अतिथि डा. अखिल पाल, विशेष अतिथि रोजकांदी चाय बागान के महाप्रबंधक ईश्वर भाई उवाडिया एवं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संघचालक ज्योत्सनामय चक्रवर्ती शामिल थे।
वर्ग पालक समीर दास ने प्रतिवेदन पाठ किया। 14-24 मई तक चले शिविर में 33 स्थान से 53 कार्यकर्ता और 16 प्रबंधक शामिल थे। प्रतिदिन शिविर सुबह 4.30 बजे से शुरू होता था और दिन भर शारीरिक और बौद्धिक कार्यक्रम चलता था। कार्यक्रम का संचालन गोपीव्रत गोस्वामी ने किया।
समारोह में उपस्थित विशिष्ट व्यक्तियों में संघ के वरिष्ठ प्रचारक शशिकांत चौथाईवाले, विहिप के प्रांत संगठन मंत्री पूर्ण चंद मंडल, प्रांत सचिव सपन शुक्लबैद्य, रतीश दास, दिलीप देव, गोपाल भट्टाचार्य, वरिष्ठ पत्रकार और सामाजिक कार्यकर्ता दिलीप कुमार, प्रणब पाल चौधरी, राजकिशोर घटवार, सुभाष नाथ, जिला परिषद चेयरमैन अमिताभ राय, भाजपा नेता किशोर नाथ, मानव सिंह, स्थानीय वरिष्ठ समाजसेवी रामनारायण नुनिया, सुभाष चौहान, गणेश लाल छत्री, प्रदीप कुर्मी, अनंत लाल कुर्मी, राम सिंहासन चौहान, विजय नुनिया आदि शामिल थे।