काठमांडू। नेपाल एक बार फिर भूकंप से दहल गया है. 6.4 की तीव्रता से आए भूकंप से नेपाल में भारी तबाही मची है. जिसमें कम से कम 158 लोगों की मौत हो गई. बताया जा रहा है कि इस भूकंप में सैकड़ों लोग घायल भी हुए हैं. अधिकारियों का कहना है कि मरने वालों की संख्या में इजाफा हो सकता है. बता दें कि जिस वक्त भूकंप आया तब ज्यादातर लोग अपने घरों में हो रहे थे. जिसके चलते उन्हें भूकंप आने पर घर से निकलने तक का मौका नहीं मिली और लोग इमारतों के मलबे के नीचे दब गए.
एक दर्जन से ज्यादा घरों को नुकसान हुआ है. पश्चिमी नेपाल में आए इस तेज झटके में नालगड़ म्यूनिसिपलिटी की डिप्टी मेयर समेत 154 लोगों की मौत हो गई है. जाजरकोट और पश्चिमी रुकुम में सबसे ज्यादा तबाही मची है. देर रात आए तेज झटके उत्तर प्रदेश, दिल्ली, पटना, झारखंड और बिहार तक में महसूस किए गए. भूकंप के झटके महसूस करते ही लोग अपने घरों से निकलकर सड़क पर आ गए, अफरा-तफरी मच गई. जाजरकोट जिले के पुलिस उपाधीक्षक संतोष रोका ने कहा कि जाजरकोट में सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है.
इससे पहले 22 अक्टूबर को सुबह 7:39 बजे काठमांडू घाटी और आसपास के जिलों में 6.1 तीव्रता का भूकंप आया था. इस दौरान कोई हताहत नहीं हुआ. नेपाल में भूकंप आम हैं, जहां तिब्बती और भारतीय टेक्टोनिक प्लेटें मिलती हैं और हर सदी में एक-दूसरे के करीब दो मीटर आगे बढ़ती हैं, जिसकी वजह से दबाव बनता है जिसे हम भूकंप के रूप में महसूस करते हैं. 2015 में 7.8 तीव्रता के भूकंप और उसके बाद आए झटकों ने लगभग 9,000 लोगों की जान ले ली. नेपाल ऐसा 11वां देश है जहां सबसे ज्यादा भूकंप आते हैं.