फॉलो करें

पश्चिम कार्बी आंगलांग  जिले के हावाईपुर में हुए छठ पूजा बेदी तोड़ने को लेकर भोजपुरी परिषद के महासचिव गणेश पासवान का प्रतिक्रिया

140 Views
लोकआस्था के महापर्व छठ पूजा को लेकर विवाद न करने का अनुरोध 
राज्य सरकार को इस मामले में गंभीर होने का आग्रह
पश्चिम कार्बी आंगलांग के खेरोनी थानांतर्गत हवाईपुर में हुए छठपूजा घाट क्षतिग्रस्त मामले को लेकर अखिल असम भोजपुरी परिषद का निंदा। परिषद के केंद्रीय समिति के महासचिव ने एक प्रेस वार्ता के जरिये घटना की कड़ी सब्दो में निंदा करते हुए मामले से जुड़े दोषियों को गिरफ्तार करने की मांग की है। उन्होंने बताया कि स्थानीय लोगो से मिली जानकारी उक्त स्थान में पिछले कई दशकों से ग्रामीण छठपूजा का आयोजन करते है मगर इस बार अचानक कुछ लोग उक्त जमीन को अपना बताकर बिना किसी अग्रिम जानकारी के पवित्र छठ पूजा के बेदी कैसे तोड़ सकते है। अगर उक्त जमीन किसी भी व्यक्ति का है तो इतने सालों तक वो कहा थे और गांव वालों से पहले इसबात की जानकारी क्यू साझा नही की गई कि जमीन उनका है और इसबार उक्त तालाब में छठपूजा का आयोजन नही करने दिया जाएगा। भोजपुरी समाज कभी किसी जाति धर्म और किसी के सांस्कृतिक का खिताब नही जाता और न ऐसा कोई कार्य करता ये जिसके किसी को ठेस पहुंचे मगर बार बार इस समुदाय को कुछ लोग टारगेट कर लेते है और विभिन्न प्रकार से इनपर अत्याचार किया जाता रहा है। इसबार छठपूजा को लेकर यह पहली घटना नही है इसे पहले भी तिनसुकिया में हमारे पवित्र पर्व को लेकर विवाद किया गया। हम असम के मुख्यमंत्री और केंद्रीय सरकार से पूछना चाहते हैं कि आखिर हमारे साथ ऐसा सौतेला व्यवहार क्यू किया जा रहा है। छठपूजा लोकआस्था का महापर्व है और बार बार छठपूजा को लेकर इसप्रकार विवाद कहा तक जायज है। हम असम सरकार और प्रशासन से निवेदन करते है कि छठपूजा से पहले सभी जिला में छठ व्रतियो की सुरक्षा सुनिश्चित करे और शांति पूर्वक छठपूजा का आयोजन करने में हमारी मदत करे। कार्बी आंगलांग और असम के जनता से भी हम अपील करते है कि सभी जाति धर्म के लोग अपना अपना उत्सव बड़े धूमधाम से मनाते हैं ऐसे में भोजपुरी लोगो का महापर्व छठपूजा को भी शांतिपूर्ण तरीके से मनाने दे।कुछ लोग छठपूजा को लेकर कई प्रकार के विवादास्पद बयान देते हैं हम उनसे भी अनुरोध करते है कि छठपूजा के महत्व को जाने बिना इसप्रकार का मंतव्य न दे जिसे  हमारे बीच भेदभाव बढे। छठपूजा हिन्दू धर्म का एक अनोखा और पवित्र त्योहार है। छठपूजा का सुरुवात रामायण और महाभारत काल से भी जुड़ा है मगर आज के दौर में कुछ लोग सोशल मीडिया में बिना किसी जानकारी के छठपूजा केवल भोजपुरी, हिंदीभाषी लोग करते है सोचके कई प्रकार के अभद्र टिप्पणी करते है जिस्से हमारी आस्था को ठेस पहुंचती हैं। असम में कई बार भोजपुरी लोगो को विभिन्न कारणों से नीचा दिखाया जाता है मगर अब कुछ लोग हमारे पवित्र पर्व को लेकर अगर इसप्रकार के कार्य करेंगे तो यह सहन नहीं किया जाएगा। हम किसी का विरोध नही करते उसका यह अर्थ नही है कि कोई भी हमारे पवित्र पर्व को लेकर कुछ भी कह दे और हम चुपचाप बैठे देखते रहंगे। हम राज्य सरकार से आग्रह करते हैं कि इस मामले की गंभीरता को समझते हुए पूरे असम में छठपूजा को लेकर किसी प्रकार का कोई विवाद न हो इसपर ध्यान रखें और  प्रशासन को आदेश दे कि छठपूजा के घाटों में और पवित्र छठ बेदी तोड़ने से घटनाओं में शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी कारवाई करे ताकि राज्य में सभी जाति जनजाति धर्म के लोगो के बीच एकता और भाईचारा बरकरार रहे।
(गणेश पासवान
महासचिव, केंद्रीय समिति
अखिल असम भोजपुरी परिषद)

Share this post:

Leave a Comment

खबरें और भी हैं...

लाइव क्रिकट स्कोर

कोरोना अपडेट

Weather Data Source: Wetter Indien 7 tage

राशिफल